Bhopal: एडमिशन नहीं मिलने पर स्कूल की चौथी मंजिल से कूदा छात्र, बचाने पहुंचा SI गंभीर घायल, जानें पूरा मामला
चौथी मंजिल से कूदा छात्र
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भोपाल में दसवीं पास करने के बाद भी उसी विद्यालय में कक्षा 11वीं में स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रवेश नहीं दिए जाने से नाराज एक छात्र गुरुवार सुबह प्राचार्य से मिलने पहुंचा। प्राचार्य ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया तो वह चार मंजिला स्कूल भवन की छत पर चढ़ गया। जैसे ही कोलार थाना पुलिस और स्थानीय लोग उसे बचाने छत पर पहुंचे, वह चार मंजिल ऊपर से कूद गया।
बता दें कि छात्र को बचाने के लिए नीचे खड़े उप निरीक्षक ने उसे लपककर पकड़ा, जिससे एसआई के गर्दन, सिर और कमर में गंभीर चोट लगी है। उप निरीक्षक को जेके अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। छात्र चोरी के आरोप में जेल में बंद था, स्कूल में छात्रों से विवाद करता था, इस कारण स्कूल प्रबंधन प्रवेश नहीं दे रहा था। पुलिस संबंधित मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
कोलार थाने के प्रभारी जीतेंद्र पटेल के अनुसार, 18 साल के ऋभष भट्ट दानिश कुंज-3 का रहने वाला है। वह कोलार स्थित रोज मेरी विद्यालय से ही कक्षा दसवीं की परीक्षा पास की है। कुछ महीने पहले उसने शाहपुरा क्षेत्र में स्थित एक मंदिर की दानपेटी चुराई थी, इस मामले में वह जेल में बंद था। कुछ सप्ताह पहले ही वह जेल से छूटा है। वह कक्षा 11वीं में प्रवेश चाहता था, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने प्रवेश नहीं दिया, जिस कारण वह गुस्से में आकर स्कूल की बिल्डिंग में चढ़ गया। जब पुलिसकर्मी उसे बचाने छत पर पहुंचे तो वह नीचे कूद गया। छात्र जमीन पर न गिरे, उसे चोट न लगे, इसके लिए थाने के उप निरीक्षक उप निरीक्षक राजकुमार ने उसे गिरते हुए पकड़ा। छात्र को बचाने में एसआई सड़क पर गिरे और उसके ऊपर छात्र ऋभष भट्टा गिरा, जिस कारण राजकुमार के सिर, गर्दन और कमर में गंभीर चोट लगी है। उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
स्कूल प्रबंधन का तर्क, विवाद करता है छात्र…
रोज मेरी स्कूल की प्राचार्य नेहा अघ्वर्यु ने मीडिया को बताया कि वह पहले भी सहपाठी छात्रों से मारपीट करता था। जेल से छूटकर आने के बाद प्राचार्य से भी अभद्रता करता रहा है। स्कूल के छात्र और शिक्षक उसे प्रवेश देने से विद्यालय का वातावरण बिगड़ने की बात कहते हैं। इस कारण उसे प्रवेश नहीं दिया गया था। अभी कुछ दिन पहले से ही वह विद्यालय आना शुरू किया था। मैंने कहा था कि तुम्हारा व्यवहार और आचरण अच्छा रहा तो प्रवेश दिया जाएगा। चोरी के मामले में जेल जाने के बाद से स्कूल के छात्रों को भी आए दिन धमकियां देता रहता है।