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सुसाइड नोट लिखा- थक गया हूं: मुगलों की जगह शिवाजी-महाराणा प्रताप को पढ़ाया जाए, भोपाल एम्स के छात्र ने डिप्रेशन के चलते की खुदकुशी

Bhopal AIIMS student committed suicide due to depression: सोमवार को पुणे में आत्महत्या करने वाले भोपाल एम्स के छात्र उत्कर्ष एम शिंगणे (19) का सुसाइड नोट सामने आया है। इसमें उत्कर्ष एम शिंगणे ने लिखा है कि उसने अपनी मर्जी से यह कदम उठाया है।

सुसाइड नोट में उसने शिक्षा मंत्री से स्कूलों के इतिहास के सिलेबस में बदलाव करने की अपील की है। इसमें मुगलों, फ्रांसीसियों और रूस की जगह शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए।

एक दिन पहले बाथरूम में मिली थी लाश

भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे उत्कर्ष ने सोमवार को पुणे में आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक, शव पुणे के वानावाड़ी इलाके में पंचरत्न हाउसिंग सोसाइटी के एक फ्लैट के बाथरूम में मिला। उसने धारदार हथियार से गला रेतकर आत्महत्या की थी।

जांच में पता चला कि वह पिछले कुछ महीनों से डिप्रेशन से जूझ रहा था और दवाइयां भी ले रहा था। महाराष्ट्र के बीड जिले का रहने वाला उत्कर्ष एक खेल कार्यक्रम में हिस्सा लेने पुणे गया था।

उत्कर्ष ने वॉट्सऐप पर छोड़ा सुसाइड नोट

पुलिस को उत्कर्ष के वॉट्सऐप अकाउंट पर एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने बदला हुआ सिलेबस, क्लास अटेंडेंस और पढ़ाई के तनाव को आत्महत्या की वजह बताया है। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि उत्कर्ष ने कुछ दिन पहले ऑनलाइन चाकू जैसा धारदार हथियार मंगवाया था, जिसका इस्तेमाल उसने आत्महत्या करने के लिए किया।

भोपाल एम्स में चल रहा था डिप्रेशन का इलाज

भोपाल एम्स प्रबंधन के अनुसार, उत्कर्ष पढ़ाई में होशियार था। उसका डिप्रेशन का इलाज भी यहीं चल रहा था। इलाज के दौरान काउंसलिंग सेशन में उसने बताया था कि वो मेडिकल की पढ़ाई नहीं करना चाहता था। परिवार के दबाव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।

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करीब तीन दिन पहले तक उसे अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इसी बीच उसकी मां उसे लेकर चली गईं। एडमिशन रजिस्टर में उत्कर्ष ‘लामा’ (लीव विदाउट मेडिकल एडवाइस) मरीज के तहत दर्ज है।QuoteImage

टॉपर था उत्कर्ष, NEET में मिले थे 710 अंक

उत्कर्ष अपनी क्लास का होनहार छात्र था। उसने नीट परीक्षा में 720 में से 710 अंक हासिल किए थे। उसका चयन एम्स भोपाल में एमबीबीएस कोर्स के लिए हुआ था। पिता डॉक्टर हैं और भाई भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।

एम्स विभाग प्रमुखों और छात्र परिषद की बैठक

एम्स भोपाल के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट के सुसाइड के बाद विभागाध्यक्षों और छात्र परिषद की बैठक हुई। यह बैठक मंगलवार दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक चली। जिसमें मुख्य रूप से चार सुझाव निकलकर आए हैं।

  • मेंटर कार्यक्रम- सभी छात्रों के लिए विभाग स्तर पर एक मेंटर कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम की मासिक रिपोर्ट विभागाध्यक्ष की ओर से उच्च अधिकारियों को दी जाएगी।
  • काउंसलिंग सत्र- छात्रों के लिए विभाग में हर महीने या दो महीने में एक बार संकाय (फैकल्टी) सदस्यों और छात्रों के साथ काउंसलिंग सत्र आयोजित किया जाएगा।
  • असामान्य व्यवहार की निगरानी- अगर किसी रेजिडेंट में असामान्य व्यवहार (जैसे अजीब बोलचाल, गैर हाजिरी, खुद को अलग-थलग रखना) देखा जाता है, तो इसकी सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दी जाएगी। इसके लिए यह जरूरी नहीं कि संबंधित रेजिडेंट मानसिक रोग का निदान प्राप्त कर चुका हो।
  • गैरहाजिरी पर कार्रवाई- अगर कोई रेजिडेंट बिना उचित सूचना के ड्यूटी से गैर हाजिर रहता है, तो इसकी जानकारी उसके पेरेंट्स और उच्च अधिकारियों को दी जाएगी।

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