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Bhind: प्रेमिका की ससुराल में भाई बनकर पहुंचा, परिजनों ने पकड़ा, जानें कहानी कैसे फिरौती तक पहुंची

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मध्य प्रदेश के भिंड जिले में अपहरण और फिरौती का मामला सामने आया है। पुलिस ने 24 घंटे में मामले को सुलझा लिया और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से चार दोस्तों को छुड़ाया है। अपहरण के पीछे की कहानी प्रेम प्रसंग से जुड़ी बताई जा रही है। 

जानकारी के अनुसार मामला भिंड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र का है। यहां चार दोस्तों को मुरैना के जौरा में बंधक बनाकर फिरौती मांगी जा रही थी। गोरमी थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर के मुताबिक, नुन्हड़ गांव के रहने वाले 16 वर्षीय नाबालिग का हरीक्षा गढ़ी की एक महिला से जान-पहचान हो गई थी। महिला का पति नौकरी के सिलसिले में बाहर रहता है। इसी का फायदा उठाकर नाबालिग 21 और 22 अक्टूबर को हरीक्षागढ़ी में ही महिला के घर में उसका दूर का भाई बनकर  रुका हुआ था। परिजन को उसकी हरकतों से शक हुआ तो उन्होंने नाबालिग से पूछताछ की तो मामले सामने आया। उसने बताया कि उसके चार दोस्तों के साथ वह यहां आया है। सभी को पकड़ लिया गया और घरवालों ने महिला के पति के साथ ही मायके पक्ष को भी सूचित किया। 

पुलिस ने बताया कि खबर लगते ही महिला के मायके वाले हरीक्षागढ़ी पहुंचे और चारों को बातचीत करने के नाम पर अपने साथ जौरा ले गए। उन्होंने सभी को पहले तो जमकर पीटा फिर बंधक बना लिया। आरोपियों ने नाबालिग के जीजा को छोड़कर चारों की रिहाई के बदले पाच लाख रुपये लाने और पुलिस को न बताने की धमकी दी। जीजा ने गुजरात मे रहने वाले नाबालिग के मौसेरे भाई को बंधक बनाए जाने और रुपये के मांग की बात बता दी थी। बाद में बात पुलिस तक पहुंची। आरोपियों के फोन को पुलिस ने खुद सुना जिसमें वे रेप के आरोप में पकड़ने की बात कह रहे थे। पुलिस ने उन्हें छुड़वाने के लिए टीम बनाई। 

गोरमी थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर ने बताया कि पुलिस की छानबीन में पता चला कि आखिरी बार चारों को मेहगांव के हरीक्षागढ़ी में देखा गया था। ये भी पता चला कि इन चारों के साथ ही नहीं नाबालिग का जीजा प्रेम सिंह भी बंधक बनाया गया था जिसे रुपये लाने के लिए धमकी देकर छोड़ दिया था। मुरैना के सिहोनिया थाना पुलिस से जानकारी निकलवाई तो पता चला कि बंधकों में अशोक और अनिल जाटव सिहोनिया के हैं और उनके परिजन ने पुलिस से संपर्क किया है। पुलिस के सूचना तंत्र से पता चला कि आरोपियों ने बंधकों को मुरैना के जौरा इलाके में रखा गया है। इसके बाद गोरमी, सिहोनिया और जौरा पुलिस ने मिलकर चारों पीड़ितों को बचा लिया। साथ ही बृजेश कुशवाह, राजेश कुशवाह, प्रीतम कुशवाह और दोस्त भरत रजक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। भरत के मकान में बंधकों को रखा गया था। 
 

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मध्य प्रदेश के भिंड जिले में अपहरण और फिरौती का मामला सामने आया है। पुलिस ने 24 घंटे में मामले को सुलझा लिया और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से चार दोस्तों को छुड़ाया है। अपहरण के पीछे की कहानी प्रेम प्रसंग से जुड़ी बताई जा रही है। 

जानकारी के अनुसार मामला भिंड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र का है। यहां चार दोस्तों को मुरैना के जौरा में बंधक बनाकर फिरौती मांगी जा रही थी। गोरमी थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर के मुताबिक, नुन्हड़ गांव के रहने वाले 16 वर्षीय नाबालिग का हरीक्षा गढ़ी की एक महिला से जान-पहचान हो गई थी। महिला का पति नौकरी के सिलसिले में बाहर रहता है। इसी का फायदा उठाकर नाबालिग 21 और 22 अक्टूबर को हरीक्षागढ़ी में ही महिला के घर में उसका दूर का भाई बनकर  रुका हुआ था। परिजन को उसकी हरकतों से शक हुआ तो उन्होंने नाबालिग से पूछताछ की तो मामले सामने आया। उसने बताया कि उसके चार दोस्तों के साथ वह यहां आया है। सभी को पकड़ लिया गया और घरवालों ने महिला के पति के साथ ही मायके पक्ष को भी सूचित किया। 

पुलिस ने बताया कि खबर लगते ही महिला के मायके वाले हरीक्षागढ़ी पहुंचे और चारों को बातचीत करने के नाम पर अपने साथ जौरा ले गए। उन्होंने सभी को पहले तो जमकर पीटा फिर बंधक बना लिया। आरोपियों ने नाबालिग के जीजा को छोड़कर चारों की रिहाई के बदले पाच लाख रुपये लाने और पुलिस को न बताने की धमकी दी। जीजा ने गुजरात मे रहने वाले नाबालिग के मौसेरे भाई को बंधक बनाए जाने और रुपये के मांग की बात बता दी थी। बाद में बात पुलिस तक पहुंची। आरोपियों के फोन को पुलिस ने खुद सुना जिसमें वे रेप के आरोप में पकड़ने की बात कह रहे थे। पुलिस ने उन्हें छुड़वाने के लिए टीम बनाई। 

गोरमी थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर ने बताया कि पुलिस की छानबीन में पता चला कि आखिरी बार चारों को मेहगांव के हरीक्षागढ़ी में देखा गया था। ये भी पता चला कि इन चारों के साथ ही नहीं नाबालिग का जीजा प्रेम सिंह भी बंधक बनाया गया था जिसे रुपये लाने के लिए धमकी देकर छोड़ दिया था। मुरैना के सिहोनिया थाना पुलिस से जानकारी निकलवाई तो पता चला कि बंधकों में अशोक और अनिल जाटव सिहोनिया के हैं और उनके परिजन ने पुलिस से संपर्क किया है। पुलिस के सूचना तंत्र से पता चला कि आरोपियों ने बंधकों को मुरैना के जौरा इलाके में रखा गया है। इसके बाद गोरमी, सिहोनिया और जौरा पुलिस ने मिलकर चारों पीड़ितों को बचा लिया। साथ ही बृजेश कुशवाह, राजेश कुशवाह, प्रीतम कुशवाह और दोस्त भरत रजक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। भरत के मकान में बंधकों को रखा गया था। 

 

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