Bastar Sukma Pregnant woman on cot: बस्तर में सड़क और पुलिया की कमी का खामियाजा यहां के लोग भुगत रहे हैं। बरसात के दिनों में जब गांव की कच्ची सड़कें क्षतिग्रस्त होकर पानी और कीचड़ में डूब जाती हैं, तो मरीजों को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है।
Bastar Sukma Pregnant woman on cot: सुकमा में लगातार हो रही बारिश के कारण हालात बद से बदतर हो गए हैं। दूरदराज के गांवों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र एर्राबोर में ग्रामीणों ने एक गर्भवती महिला को खाट पर लादकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। खराब सड़क के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई।
इसे खाट नहीं, गांव की एंबुलेंस कहिए साहब
Bastar Sukma Pregnant woman on cot: रविवार को एर्राबोर के लेंड्रा गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। परिजनों ने एंबुलेंस को फोन किया। मौके पर ही वाहन गांव के लिए रवाना भी हो गया। लेकिन खराब सड़क और बारिश के कारण गांव से करीब तीन किलोमीटर पहले ही वाहन बंद हो गया।
Bastar Sukma Pregnant woman on cot: परेशान परिजनों ने महिला को खाट पर लादकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। बस्तर के सुदूर गांवों से अक्सर ऐसी तस्वीरें आती रहती हैं।
कब सुधरेंगे हालात?
Bastar Sukma Pregnant woman on cot: कभी-कभी किस्मत साथ देती है और वह सुरक्षित अस्पताल या एंबुलेंस तक पहुंच जाता है। कई बार खराब मौसम और सड़क की वजह से मरीज को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से कई बार एंबुलेंस चालक भी सावधानी बरतते हैं।
Bastar Sukma Pregnant woman on cot: ऐसी स्थितियों के लिए जितनी सरकार जिम्मेदार है, उतनी ही नक्सली भी हैं। बस्तर के अंदरूनी इलाकों में विकास कार्य नक्सलियों की वजह से प्रभावित होते हैं। अगर नक्सली सड़क बनने देते तो ये समस्याएं पैदा ही नहीं होतीं।
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