बांग्लादेश की सत्ता अब कौन संभालेगा ? अब भारत से कहां जाएंगी Sheikh Hasina, एक क्लिक में आगे की पूरी कहानी ?
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: पड़ोसी देश बांग्लादेश की कहानी हर गुजरते घंटे के साथ बदल रही है। करीब 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। अब बांग्लादेश की सत्ता कौन संभालेगा, भारत से कहां जाएंगी PM Sheikh Hasina जैसे पढ़िए सवालों में पूरी कहानी?.
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: वह पहले सेना के हेलीकॉप्टर से अगरतला पहुंचीं और वहां से सी-130जे सैन्य विमान से गाजियाबाद के हिंडन मिलिट्री एयरबेस पर उतरीं। शेख हसीना के रिश्तेदार और बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने कहा है, ‘हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, अब हम देश की देखभाल करेंगे। आंदोलन में जो लोग मारे गए हैं, उन्हें न्याय मिलेगा।
प्रश्न-1: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अब क्या करेंगी?
उत्तर: शेख हसीना ढाका से रवाना होकर सीधे भारत के लिए रवाना हुईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर एनएसए अजीत डोभाल और शेख हसीना के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान भारतीय वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान के एयर मार्शल पीएम सिन्हा भी मौजूद थे। शेख हसीना को एयरबेस के सेफ हाउस में रखा गया है। उनकी सुरक्षा में वायुसेना के गरुड़ कमांडो तैनात हैं।
इससे पहले शेख हसीना का सी-130 ट्रांसपोर्ट विमान सोमवार शाम करीब 5.45 बजे हिंडन एयरबेस पर उतरा। एयरबेस कमांडर संजय चोपड़ा ने शेख हसीना की अगवानी की। यानी, यहां उनके उतरने की तैयारियां पहले से ही की जा चुकी थीं। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि उनका विमान ईंधन भरने के लिए उतरा है। फिलहाल वायुसेना के अधिकारी इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: विशेषज्ञों का मानना है कि शरण लेने वालों की जान बचाना भारत की नीतियों का हिस्सा है, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि शेख हसीना यहां लंबे समय तक रहेंगी। यह संभव है कि उनके विमान में ईंधन भरा जाएगा और उन्हें किसी तटस्थ देश में भेजा जाएगा। सबसे अधिक संभावना यह है कि वह लंदन जाएंगी।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: शेख हसीना के बेटे और पूर्व आधिकारिक सलाहकार सजीब वाजेद जॉय ने कहा है कि वह अब राजनीति में वापस नहीं आएंगी। उन्होंने अपने परिवार की अपील पर अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ दिया है। जॉय ने कहा कि उनकी मां इस बात से निराश हैं कि उनकी कड़ी मेहनत और बांग्लादेश को बदलने के बावजूद अल्पसंख्यक उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं।
प्रश्न-2: क्या भारत शेख हसीना को शरण देगा?
उत्तर: बांग्लादेश में भारत की पूर्व राजदूत वीना सीकरी कहती हैं, ‘यह संभव है कि शेख हसीना ने शरण न मांगी हो, बल्कि उन्होंने भारत के रास्ते ही रास्ता अपनाया हो। अगर वे शरण मांगती भी हैं, तो यह जरूरी नहीं है कि उन्हें शरण दी जाए।’
विशेषज्ञों का मानना है कि शेख हसीना को शरण न दिए जाने के तीन संभावित कारण हो सकते हैं-
बांग्लादेश में माहौल न केवल शेख हसीना के खिलाफ है, बल्कि वहां भारत विरोधी भावनाएं भी हैं। जमात के लोग शेख हसीना के खिलाफ हैं, उनकी विपक्षी पार्टियां भी भारत के साथ उनके संबंधों से नाखुश हैं। ऐसे में शेख हसीना को शरण देने से बांग्लादेश में भारत के खिलाफ नाराजगी बढ़ सकती है।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: भारत इस क्षेत्र की एक बड़ी शक्ति है, उसने जी-20 जैसे मंचों का नेतृत्व किया है। शेख हसीना को शरण देना किसी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के तौर पर देखा जा सकता है।
बांग्लादेश में गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों की संख्या मात्र 8% है। वर्तमान में बांग्लादेश में हिंसा पर उतारू लोगों को विपक्षी दलों के साथ-साथ बांग्लादेश के जमात (धार्मिक कट्टरपंथी समुदाय) और कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन मिल रहा है। अगर शेख हसीना को भारत में शरण दी जाती है, तो वहां की हिंसक भीड़ इन अल्पसंख्यकों को निशाना बना सकती है।
प्रश्न-3: पीएम मोदी और शेख हसीना के बीच कैसे संबंध रहे हैं, क्या वह शेख हसीना की मदद करेंगे?
उत्तर: विदेश मामलों और भारत की विदेश नीति के विशेषज्ञ हर्ष वी पंत के अनुसार, इस दौर को भारत-बांग्लादेश संबंधों का स्वर्णिम काल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पिछले दस सालों में दिल्ली और ढाका के बीच संबंधों में सुधार हुआ है, कई बार मुश्किल हालात भी पैदा हुए, लेकिन इस रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: तीस्ता जल समझौते पर पीएम मोदी को बंगाल सरकार के विरोध का सामना करना पड़ा, जबकि हसीना को बांग्लादेश में भारत विरोधी तत्वों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया, जो न केवल द्विपक्षीय बल्कि कूटनीति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।
शेख हसीना को 8 जुलाई 2024 से 4 दिवसीय यात्रा पर चीन में रहना था, लेकिन वे एक दिन पहले ही बांग्लादेश लौट गईं। पहुंचते ही उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘भारत और चीन दोनों ही तीस्ता नदी परियोजना में रुचि रखते थे, लेकिन मैं चाहती हूं कि भारत इस परियोजना को पूरा करे।’
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: बांग्लादेश में पिछले एक महीने से चल रही हिंसा पर भारत ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने विरोध प्रदर्शनों के बारे में कहा था कि यह बांग्लादेश का घरेलू मामला है।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: वीना सीकरी कहती हैं, ‘भारत और बांग्लादेश पड़ोसी देश हैं। दोनों देशों के बीच 4,000 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी ज़मीनी सीमा है। भारत बांग्लादेश के मामले में ज़्यादा दखल नहीं देगा। भारत के लिए पहली प्राथमिकता अपनी सीमाओं की सुरक्षा है।’
सवाल-4: शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अब बांग्लादेश में सत्ता कौन संभालेगा?
जवाब: मौजूदा हालात में बांग्लादेश में दो तरह से सरकार बन सकती है। एक पारंपरिक तरीका, दूसरा कार्यवाहक सरकार।
पारंपरिक तरीका: मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं पीएम
बांग्लादेश की परंपरा कहती है कि जब भी ऐसी स्थिति आती है तो देश के मुख्य न्यायाधीश को देश चलाने की ज़िम्मेदारी दी जाती है। 1990 में बांग्लादेश के पूर्व सैन्य तानाशाह इरशाद के ख़िलाफ़ जनआंदोलन खड़ा हुआ था। फिर विपक्षी राजनीतिक दलों ने 6 दिसंबर 1990 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश अहमद को सत्ता सौंप दी। वे बांग्लादेश के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में सरकार के मुखिया बन गए।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: फिलहाल बांग्लादेश में पहले से ही राष्ट्रपति है। ऐसे में सेना के माध्यम से बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन 65 वर्षीय मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन को सरकार का मुखिया चुन सकते हैं। उन्हें 12 सितंबर 2023 को मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: ओबैदुल हसन सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर अंतरिम सरकार बना सकते हैं। एक अनुमान यह भी है कि इस सरकार में किसी राजनीतिक दल के बजाय बांग्लादेश के सेवानिवृत्त नौकरशाह, न्यायाधीश, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं।
दूसरा तरीका: कार्यवाहक सरकार
बांग्लादेश में गैर-राजनीतिक कार्यवाहक सरकार की अवधारणा भी है। वर्ष 1996 और 2008 में जब बांग्लादेश में निर्वाचित सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था, तब कार्यवाहक सरकारों को सत्ता सौंप दी गई थी। कार्यवाहक सरकार (CTG) का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से नहीं है। उन्हें चुनाव लड़ने की भी अनुमति नहीं होती है।
कार्यवाहक सरकार में शामिल लोग मंत्रियों की तरह काम करते हैं, उन्हें सलाहकार कहा जाता है। यह सरकार राष्ट्रपति को रिपोर्ट करती है। इस सरकार को 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना होता है और 120 दिनों के भीतर जीतने वाली पार्टी को सत्ता सौंपनी होती है।
बांग्लादेश में 14वें संविधान संशोधन के ज़रिए इसे खत्म कर दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फ़ैसले को पलट दिया और इसे फिर से बहाल कर दिया। इसके चलते सेना प्रमुख बिना किसी जोखिम के इन दोनों में से कोई भी तरीक़ा चुनकर सरकार बना सकते हैं।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की रूपरेखा घोषित कर दी गई है। यह जानकारी छात्र आंदोलन के मुख्य समन्वयक नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए दी है।
प्रश्न-5: बांग्लादेश के पीएम पद की दौड़ में इस समय कौन से 3 लोग हैं?
उत्तर: बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान राष्ट्रपति के जरिए किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को देश की कमान सौंप सकते हैं। पीएम पद के लिए कई नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन 3 लोगों के नाम प्रमुख हैं।
सलाउद्दीन अहमद: वे अर्थशास्त्री हैं। वे बांग्लादेश के रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं। सलाउद्दीन का नाम इसलिए ऊपर गिना जा रहा है क्योंकि इस समय देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में एक ऐसे नेता की जरूरत है जो देश और अर्थव्यवस्था को बेहतर बना सके। सलाउद्दीन इस फ्रेम में फिट बैठते हैं।
मेजर जनरल एकेएम नजमुल हसन: वे बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के पूर्व महानिदेशक हैं। नजमुल इसी साल 30 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए हैं। वे आर्मी इंटेलिजेंस के निदेशक भी रह चुके हैं। देश में अभी जिस तरह से अराजक हालात हैं, वे उनसे निपटने के लिए रणनीति बनाने में सक्षम हैं। 1990 में चटगाँव संघर्ष से निपटने वाले वे ही थे।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: डॉ. मंज़ूर अहमद चौधरी: मंज़ूर अहमद चौधरी एक वैज्ञानिक हैं। वे राष्ट्रीय नदी संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वे बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग में भी वैज्ञानिक रह चुके हैं। वे राजनेताओं के आलोचक भी रहे हैं।
चौधरी ने एक शोधकर्ता को एक जिले से हटाने के लिए बांग्लादेश के शिक्षा मंत्री और सांसद दीपू मोनी की खुलकर आलोचना की थी। उन्होंने नदी के संरक्षण में विफल रहने के लिए उत्तरी ढाका के मेयर अतीकुल इस्लाम को जेल भेजने की बात कही थी।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: शेख हसीना के सबसे बड़े आलोचकों में से एक नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस इस कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार होंगे। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में उनके प्रधानमंत्री बनने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
प्रश्न-6: शेख हसीना की सबसे बड़ी विरोधी पूर्व पीएम खालिदा जिया क्या करेंगी?
उत्तर: खालिदा जिया शेख हसीना की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख हैं। वह बांग्लादेश की 9वीं प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। खालिदा जिया इस समय भ्रष्टाचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रही हैं। वह बीमार भी हैं।
शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अपनी पहली ही बैठक में बेगम खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में वह बांग्लादेश की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। उनके बेटे ताहिर रहमान पर भी भ्रष्टाचार का आरोप है, वह इस समय लंदन में हैं।
सवाल-7: बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन कब थमेगा?
जवाब: कहा जा रहा है कि शेख हसीना के देश छोड़कर भागने के बाद जनता का गुस्सा शांत हो जाएगा। हालांकि इस आंदोलन को छात्रों का आंदोलन कहा जा रहा है, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि में बांग्लादेश की राजनीतिक परिस्थितियां हैं।
बांग्लादेश की कट्टरपंथी जमात और विपक्षी पार्टियां इस आंदोलन को हवा दे रही हैं, ऐसे में जब तक अंतरिम सरकार नहीं बन जाती और आरक्षण के मामले में कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक बांग्लादेश में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोग घर नहीं जाने वाले हैं।
प्रश्न-8: बांग्लादेश से सटे भारत के सीमावर्ती इलाकों में क्या स्थिति है?
उत्तर: चीन, पाकिस्तान जैसे सभी पड़ोसी देशों की तुलना में भारत की बांग्लादेश के साथ सबसे लंबी भूमि सीमा है। पूर्व में भारत के 5 राज्य – असम, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा, बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करते हैं। पश्चिम बंगाल बांग्लादेश के साथ 2217 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
बांग्लादेश में हिंसा, आगजनी और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। देश की पूर्वी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रूप से बीएसएफ की है। हाल ही में जब बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन शुरू हुआ तो बीएसएफ के जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं। फिलहाल सीमा पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बीएसएफ ने सभी यूनिट के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
Bangladesh Crisis Vs India Sheikh Hasina Hindu Minorities Security: बीएसएफ के कार्यवाहक डीजी दलजीत चौधरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी कोलकाता पहुंच गए हैं। जवानों को 24 घंटे सीमा की निगरानी करने का आदेश दिया गया है। इससे पहले भारत ने अपने नागरिकों को बांग्लादेश न जाने की एडवाइजरी जारी की थी।
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