Mahakal: उज्जैन में शिव नवरात्रि पर होल्कर शृंगार में दूल्हा बने बाबा महाकाल; श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद
होल्कर श्रंगार में दूल्हे के रूप में बाबा महाकाल
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बारह ज्योतिर्लिंर्गों में से एक उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि के पांचवे दिन भगवान शिव का होल्कर मुखौटे के रूप में शृंगार किया गया। दरअसल, उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवरात्रि के पहले शिव नवरात्रि मनाए जाने की परंपरा है। पूरे भारत देश में महाकाल मंदिर में ही इस तरह के विधि-विधान का निर्वहन किया जाता है। बाबा महाकाल का होल्कर मुखौटे के रूप में शृंगार देख कर श्रद्धालु अभिभूत हुए हैं।
महाकाल मंदिर में उत्सव का माहौल
महाकाल मंदिर में इन दिनों उत्सवी माहौल है। बाबा महाकाल का प्रतिदिन मनमोहक शृंगार किया जा रहा है। महाकाल मंदिर में मनाई जा रही शिव नवरात्रि के पांचवे दिन बाबा महाकाल का दूल्हा स्वरूप में होल्कर के मुखौटे के स्वरूप में शृंगार किया गया। बाबा महाकाल को वस्त्र पहनाए गए और उन्हें फूलों की माला पहनाई गई।
महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व बाबा महाकाल और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पूरे नौ दिन तक ये उत्सव चलता है। भगवान महाकाल का दूल्हा स्वरूप में शृंगार किया जाता है और एकादश ब्राह्मण रुद्र पाठ करते हैं। इस दौरान श्रद्धालु बाबा के नित नए स्वरूप का दर्शन करते हैं। बाबा महाकाल का छठे दिन मनमहेश के रूप में आकर्षित शृंगार किया जाएगा।
एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ भी किया गया
शिव नवरात्रि के पांचवे दिन शाम पूजन के बाद बाबा महाकाल ने होल्कर शृंगार में श्रृंगारित होकर श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। इसके पूर्व प्रात: शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों ने श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया। शाम को पूजन के बाद बाबा श्री महाकाल को नए वस्त्र पहनाए गए। इसके अतिरिक्त मेखला, दुपट्टा, मुकुट, छत्र, मुंड माला और फलों की माला भी पहनाई गई। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में रोजाना इंदौर निवासी पंडित रमेश कानड़कर शिव कथा और हरि कीर्तन कर रहे हैं।