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‘अटल गौरव दिवस’ मनाने वाली शिवराज सरकार अटल स्मारक बनाना भूली

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ग्वालियर जिले में रविवार शाम को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर सहित तमाम मंत्रीगण अटल गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की याद में बनने वाले स्मारक बनाने के लिए तीन साल पहले किया गया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में स्मारक बनाने के लिए मुख्यमंत्री के अलावा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र सहित प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट भी जगहों का निरीक्षण कर चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक सिरोल में चिन्हित जमीन का आवंटन तक नहीं हो सका है। एक बार फिर से पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जन्मदिवस पर स्मारक को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

सीएम शिवराज ने घोषणा की थी…
अक्टूबर 2020 में उपचुनाव के समय चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने अटल स्मारक बनाए जाने की घोषणा ग्वालियर में की थी। अटल स्मारक को विश्व स्तर का बनाने के लिए प्लानिंग भी की गई थी। इससे शहर को कुछ नया मिलने की आस बंधी थी। सीएम ने अपनी घोषणा को लगातार दोहराया, लेकिन स्थानीय स्तर पर कुछ भी नहीं हुआ। हालांकि, न्यास का औपचारिक गठन हुआ है, लेकिन स्मारक को लेकर संस्कृति विभाग लगातार उदासीनता अपनाए है।

प्रस्तावित स्थलों का भ्रमण भी कर चुकी सरकार…
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की टीम ने ग्वालियर आकर अटल स्मारक के लिए प्रस्तावित स्थलों का भ्रमण भी कर चुकी है, जिसमें पहले नंबर पर सिरोल पहाड़ी है। हाल ही में प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी स्थलों का निरीक्षण भी किया था। लेकिन जमीन फाइनल नही हुई है। वहीं बीजेपी कह रही है, अटल के स्मारक भव्य रूप में बनाना है। इसलिए समय लग रहा है, जमीन के फाइनल होने में। दूसरी ओर कांग्रेस बीजेपी पर तंज कस रही है।

क्या है, अटल स्मारक और न्यास, ऐसे समझिए…

  • अटल स्मारक में अटल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा विशेषज्ञ मूर्तिकार के माध्यम से तैयार कराने का प्रस्ताव है। प्रतिमा स्वरूप और आकार फाइनल किया जा रहा है। 
  • अटल स्मारक में भव्य पार्क बनेगा, इसमें फुलवारी और चुनिंदा किस्म के पौधों को लगाया जाएगा। पार्क का आकार अत्याधुनिक डिजाइन के आधार पर रहेगा।
  • अटलजी के जीवन से जुड़ा साहित्य और उनसे जुड़ी किताबें, दैनिक समाचार पत्र सहित सभी तरह के दस्तावेज यहां सहेजे जाएंगे।
  • प्रस्तावित गैलरी में अटलजी के बाल अवस्था से लेकर उनके युवा अवस्था, परिवार और राजनीतिक यात्रा से जुड़ी तस्वीरों को सजाया जाएगा।
अटल जी के पैतृक निवास पर श्रद्धांजलि देने वालों की भारी भीड़…
ग्वालियर स्थित भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के पुश्तैनी निवास शिंदे की छावनी स्थित कमल सिंह का बाग में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यहां जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, स्थानीय सांसद विवेक शेजवलकर सहित बड़ी संख्या में पहुंचे। बीजेपी ने अटल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम का आयोजन उनके पुश्तैनी घर स्थित लाइब्रेरी में किया गया। यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचकर अटल जी को याद किए।

बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन उनके पुश्तैनी घर स्थित लाइब्रेरी में तब्दील किया जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचकर अटल जी को याद किए। शेर के बीचो-बीच कमल सिंह के बाग में अटल जी का पुश्तैनी घर है और यही अटल जी का बचपन बीता था। साथ ही इन्हीं गलियों में अटल जी ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की और यहां से देश के प्रधानमंत्री बने। खास बात यह है कि भले ही अटल जी देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन उन्होंने ग्वालियर को और ग्वालियर की गलियों को कभी नहीं छोड़ा। यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय भी ग्वालियर में आते थे और अपने मित्रों से मुलाकात करते थे।
 

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ग्वालियर जिले में रविवार शाम को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर सहित तमाम मंत्रीगण अटल गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की याद में बनने वाले स्मारक बनाने के लिए तीन साल पहले किया गया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में स्मारक बनाने के लिए मुख्यमंत्री के अलावा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र सहित प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट भी जगहों का निरीक्षण कर चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक सिरोल में चिन्हित जमीन का आवंटन तक नहीं हो सका है। एक बार फिर से पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जन्मदिवस पर स्मारक को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

सीएम शिवराज ने घोषणा की थी…

अक्टूबर 2020 में उपचुनाव के समय चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने अटल स्मारक बनाए जाने की घोषणा ग्वालियर में की थी। अटल स्मारक को विश्व स्तर का बनाने के लिए प्लानिंग भी की गई थी। इससे शहर को कुछ नया मिलने की आस बंधी थी। सीएम ने अपनी घोषणा को लगातार दोहराया, लेकिन स्थानीय स्तर पर कुछ भी नहीं हुआ। हालांकि, न्यास का औपचारिक गठन हुआ है, लेकिन स्मारक को लेकर संस्कृति विभाग लगातार उदासीनता अपनाए है।

प्रस्तावित स्थलों का भ्रमण भी कर चुकी सरकार…

मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की टीम ने ग्वालियर आकर अटल स्मारक के लिए प्रस्तावित स्थलों का भ्रमण भी कर चुकी है, जिसमें पहले नंबर पर सिरोल पहाड़ी है। हाल ही में प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी स्थलों का निरीक्षण भी किया था। लेकिन जमीन फाइनल नही हुई है। वहीं बीजेपी कह रही है, अटल के स्मारक भव्य रूप में बनाना है। इसलिए समय लग रहा है, जमीन के फाइनल होने में। दूसरी ओर कांग्रेस बीजेपी पर तंज कस रही है।

क्या है, अटल स्मारक और न्यास, ऐसे समझिए…

  • अटल स्मारक में अटल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा विशेषज्ञ मूर्तिकार के माध्यम से तैयार कराने का प्रस्ताव है। प्रतिमा स्वरूप और आकार फाइनल किया जा रहा है। 
  • अटल स्मारक में भव्य पार्क बनेगा, इसमें फुलवारी और चुनिंदा किस्म के पौधों को लगाया जाएगा। पार्क का आकार अत्याधुनिक डिजाइन के आधार पर रहेगा।
  • अटलजी के जीवन से जुड़ा साहित्य और उनसे जुड़ी किताबें, दैनिक समाचार पत्र सहित सभी तरह के दस्तावेज यहां सहेजे जाएंगे।
  • प्रस्तावित गैलरी में अटलजी के बाल अवस्था से लेकर उनके युवा अवस्था, परिवार और राजनीतिक यात्रा से जुड़ी तस्वीरों को सजाया जाएगा।


अटल जी के पैतृक निवास पर श्रद्धांजलि देने वालों की भारी भीड़…

ग्वालियर स्थित भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के पुश्तैनी निवास शिंदे की छावनी स्थित कमल सिंह का बाग में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यहां जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, स्थानीय सांसद विवेक शेजवलकर सहित बड़ी संख्या में पहुंचे। बीजेपी ने अटल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम का आयोजन उनके पुश्तैनी घर स्थित लाइब्रेरी में किया गया। यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचकर अटल जी को याद किए।

बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन उनके पुश्तैनी घर स्थित लाइब्रेरी में तब्दील किया जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचकर अटल जी को याद किए। शेर के बीचो-बीच कमल सिंह के बाग में अटल जी का पुश्तैनी घर है और यही अटल जी का बचपन बीता था। साथ ही इन्हीं गलियों में अटल जी ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की और यहां से देश के प्रधानमंत्री बने। खास बात यह है कि भले ही अटल जी देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन उन्होंने ग्वालियर को और ग्वालियर की गलियों को कभी नहीं छोड़ा। यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय भी ग्वालियर में आते थे और अपने मित्रों से मुलाकात करते थे।

 

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