women’s day 15 साल तक अमेरिका में रहीं, अब इंदौर में सिखा रहीं जीवन जीने का सही तरीका


मित्रों के साथ अर्चना (सलवार सूट में मध्य में)
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
विस्तार
अर्चना परसाई गहलोत अमेरिका के नार्थ कैरोलिना राज्य में 15 वर्षों तक रहीं और उन्होंने वहां पर कई कंपनियों में बड़े पदों पर काम किया। अब वे इंदौर में अस्माकं के माध्यम से लोगों को जीवन जीने का सही तरीका सिखा रही हैं। दुनियाभर की चमक दमक देख चुकी अर्चना जब इंदौर आईं और प्रकृति के साथ कुछ दिन बिताए तो उन्हें समझ आया कि जीवन का असली सुख अपने दोस्तों, परिजन और जमीन के साथ ही है।
वे अब इंदौर में रहकर लोगों को प्राकृतिक ढंग से जीवन जीने का तरीका सिखा रही हैं। प्राकृतिक और आर्गेनिक तरीके से सब्जियों को उगाना और रेन वाटर स्टोरेज की व्यवस्था करना भी सिखाती हैं। यहां पर लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। स्वशिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए बच्चों को नई-नई चीजें भी सिखाई जा रही हैं। अर्चना कहती हैं कि इंदौर मध्यप्रदेश का दिल है। इसे स्वच्छ के साथ स्वस्थ भी रखना होगा। इसके लिए हमें अपने खानपान में बदलाव करने होंगे। इसे ध्यान में रखते हुए नेचुरल फार्मिंग फूड फारेस्ट तैयार किया है, जहां प्राकृतिक और आर्गेनिक तरीके से सब्जियों को उगाया जा रहा है। संस्था के माध्यम से अन्य लोगों को भी घर में सब्जियां उगाने के तरीके बताए जा रहे हैं। बाजारों में मिलने वाली सब्जियां और खाद्य सामग्री केमिकल युक्त रहती हैं। हर इंदौरी खाने का शौकीन होता है लेकिन लोगों ने शहर के प्रामाणिक व्यंजनों को छोडक़र जंक फूड खाना शुरू कर दिया है। इससे स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम हो रहे हैं।
ट्रैफिक समस्या के लिए भी ला रही हैं जागरूकता
अर्चना ने बताया कि विदेशों में मेट्रो, फ्लाय ओवर सब कुछ हैं लेकिन फिर भी ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती ही जा रही है। क्योंकि लोग लगातार कारें खरीद रहे हैं और हर एक कार में एक व्यक्ति सफर कर रहा है। इसका सिर्फ एक हल यह है कि लोगों को लोक परिवहन के लिए जागरूक होना होगा। शहर में ट्रैफिक के कारण प्रदूषण भी काफी बढ़ गया है। इसके लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा लोकपरिवहन के साधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। आसपास के क्षेत्र में जाने के लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। शहर में साइकिलिंग ट्रैक भी बनाना चाहिए, जिससे लोग आसपास जाने के लिए साइकिल का उपयोग करें। इससे प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा। हर शहरवासी को अपनी आदतों में बदलाव करने होंगे। शहर स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य में भी नंबर वन बनेगा।