अमेरिका की नई फैक्टरी में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से चिप्स का प्रोडक्शन करेगी ताइवान की TSMC
ताइवान की यह कंपनी आईफोन बनाने वाली एपल की एक बड़ी सप्लायर है। यह एरिजोना में लगभग 12 अरब डॉलर की लागत से फैक्टरी बना रही है। नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की योजना के बारे में TSMC के फाउंडर Morris Chang ने बताया कि इस योजना को लगभग फाइनल कर दिया गया है। नई फैक्टरी के लिए 6 दिसंबर को टूल-इन समारोह का आयोजन होगा। इसके लिए अमेरिका के प्रेसिडेंट Joe Biden को भी निमंत्रण दिया गया है। सेमीकंडक्टर्स का इस्तेमाल स्मार्टफोन और ऑटोमोबाइल जैसी बहुत सी इंडस्ट्रीज में होता है। सेमीकंडक्टर्स की शॉर्टेज से टेस्ला जैसी कंपनियों को अपने प्रोडक्शन में कटौती करनी पड़ी थी।
चीन से खतरे के बावजूद ताइवान की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है। TSMC का तीसरी तिमाही में प्रॉफिट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 80 प्रतिशत बढ़ा था। यह दो वर्षों में कंपनी की सबसे अधिक ग्रोथ है। हालांकि, कंपनी ने आगामी महीनों में डिमांड को लेकर सतर्कता से अनुमान दिया था। कंपनी ने इस वर्ष के लिए अपने खर्च में भी न्यूनतम 10 प्रतिशत की कमी करने की योजना बनाई है। एशिया की इस सबसे अधिक वैल्यू वाली लिस्टेड कंपनी ने बताया था कि वह अगले वर्ष अधिक इनवेस्टमेंट नहीं करेगी। ताइवान का कहना है कि अगर वह सुरक्षित रहेगा तभी सेमीकंडक्टर्स की सप्लाई भी बरकरार रहेगी।
हाल ही में अमेरिका के दौरे पर गई ताइवान की इकोनॉमिक अफेयर्स मिनिस्टर Wang Mei Hua ने कहा था कि अगर ताइवान सुरक्षित रहता है, तभी सेमीकंडक्टर्स की ग्लोबल सप्लाई की भी सुरक्षा हो सकेगी। पिछले कुछ महीनों ने चीन ने ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ाया है। ताइवान को अमेरिका का समर्थन मिल रहा है। अमेरिका ने उसे हथियारों की सप्लाई भी दी है। Wang ने कहा था कि ताइवान सप्लाई चेन को बरकरार रखने के लिए अमेरिका के साथ आपसी सहयोग बढ़ाना चाहता है। उनका कहना था कि एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में ताइवान की महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर चीन की ओर से ताइवान में हस्तक्षेप होता है तो इसका असर चीन पर भी पड़ेगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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