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पुष्पराजगढ़ में अनकंट्रोल हुए क्रेशर संचालक: अफसरों की नाकामी से 10 की जगह 60 फीट अवैध खनन, नहीं करा पा रहे खनिज नियमों का पालन, आखिर माजरा क्या है साहब ?

सड़क किनारे धड़ल्ले से चल रहा क्रेशर, जेठू है मालिक

राजेंद्रग्राम (अनूपपुर)। ये पुष्पराजगढ़ है साहब. यहां माफिया का राज है. सिस्टम बौना पड़ गया है. रोज बारूदी धमाके हो रहे हैं. मध्यप्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति माफिया के पैरों तले जमीन चाट रही है. अवैध खनन, परिवहन और बारूदी धमाके आम बात हैं. कई बार तो कई इलाकों में धमाकों से पत्थर दूर घरों तक पहुंच जाते हैं, कई बार पानी की टंकियों में दरार पड़ चुके हैं, लेकिन खनिज विभाग और माफिया की सांठगांठ ने पुष्पराजगढ़ को खोखला बना दिया है. हर कोने, हर इलाके में माफिया ने उपजाऊ जमीन को बंजर और तालाबों में तब्दील कर दिया है.

 

दरअसल ये तस्वीर अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की है, जहां ग्राम पंचायत बड़ीतुम्मी पड़ता है. ये वहीं का नजारा है. जिसके मालिक जेठू उर्फ जय प्रकाश शिवदासानी है. पुलिस से लेकर प्रशासन तक सांठगांठ है. इसलिए अवैध तरीके से उत्खनन जारी है. खदान माफिया बेहताशा खुदाई कर पत्थर निकाल रहे हैं. माइनिंग डिपोर्टमेंट समेत प्रशासनिक अफसर खनिज नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं. क्रेशर संचालक सभी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. क्रेशर संचालक अनकंट्रोल हो गए हैं. प्रशासन का कोई कंट्रोल नहीं है.

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10 नहीं 60 फीट अवैध खनन

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि किसी भी खदान की खुदाई 10 फीट तक करने का नियम है, लेकिन यहां करीब 50 से 60 फीट तक खुदाई की गई है. इतना ही नहीं किसी मुख्य मार्ग से 200 मीटर की दूरी में खदान संचालन का अनुमति मिलता है, लेकिन यहां मार्ग से लगा हुआ है, जो नियम विरुद्ध है. खनिज माफिया धरती का सीना चीर कर पत्थर निकाल रहे है और अवैध तरीके से क्रेशर का संचालन कर रहे हैं. इस पर कार्रवाई तो किया जाना चाहिए, लेकिन कार्रवाई तो दूर अधिकारी झांकने भी नहीं पहुंचते हैं. ऐसे ही जिले के तमाम खदानों का हाल है.

कैसे पुष्पराजगढ़ हो रहा खोखला ?

जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू पुष्पराजगढ़ में एक छोटे से पत्थर खदान का मालिक हुआ करता था, लेकिन देखते ही देखते सेटिंग जुगाड़ पैसे के दम और गरीब आदिवासियों का शोषण करते हुए पुष्पराजगढ़ एक के बाद एक कई क्रेशरों का मालिक बन बैठा. सूत्र बताते हैं कि जेठू सेठ की माइनिंग और पुलिस में अच्छी खासी रकम देकर अवैध उत्खनन और परिवहन का काम दिन रात चलता है. छत्तीसगढ़ से आकर मध्यप्रदेश अनूपपुर ज़िले में माइनिंग विभाग के अधिकारियों और पुलिस अधिकारी का खुला संरक्षण मिलना अपने आप में सवाल खड़ा करता है.

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खनिज संसाधनों का अत्यधिक दोहन

जिले के पठार क्षेत्र में लगभग हर गांव में अवैध पत्थर की खदानें मिल जाएंगी. जहां स्टोन क्रशर संचालित होते हैं. पत्थर की इन खदानों का अवैध उत्खनन कर खनन माफिया राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है. दूसरी ओर खनन विभाग माफिया से गठजोड़ कर सरकार को गच्चा दे रहा है. अवैध खनन की शिकायत पर भी खनन विभाग आंख पर पट्टी बांध कर सो जाता है.

कहां सो रहा खनिज विभाग ? पुष्पराजगढ़ का सीना चीर रहा माफिया, अवैध क्रेशरों का संचालन, बेखौफ पत्थरों का उत्खनन, रोजाना बारूदी धमाके, साहब किसको कितना कमीशन ?

जांच के नाम पर लिफाफे का इनाम ?

राजेंद्रग्राम के पठार क्षेत्र के कोने-कोने में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, लेकिन खनन माफिया के खिलाफ खनन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इन खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर संचालकों के पास कई अवैध खदानें हैं, जो दिखावटी लीज से हटकर अवैध खनन के लिए संचालित हैं. बताया जा रहा है कि जांच के नाम पर अधिकारी लिफाफा लेकर जाते हैं.

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