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IGNTU में कैसे पहुंच रहा नशे का सामान ? केरल के छात्रों से मारपीट पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन का स्पष्टीकरण, कैंपस में नशाखोरी पर भी उठे सवाल

अमरकंटक। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU) में पढ़ने वाले केरल के छात्रों के साथ मारपीट की गई. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने इस घटना की निंदा की और निष्पक्ष जांच की मांग की. केरल के सीएम ने भी इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. मामले की जांच के लिए विवि प्रबंधन ने कमेटी गठित कर दी है. अब यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने घटना क्रम को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है. लेकिन एक बात यह भी सामने आई है कि कैंपस के अंदर नशाखोरी भी होती है.

यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने क्या कहा ?

10 मार्च 6:00 PM विश्वविद्यालय के रिस्ट्रिक्टेड water tank जो कि मेन गेट से 100 मीटर की दूरी पर है, ऊपर जाकर वीडियोग्राफी और फोटो शूट करते हैं. (सुरक्षा कर्मी के अनुसार वो नशीले पदार्थ का सेवन कर रहे थे).

लगभग 6:20 PM विश्वविद्यालय के सिक्योरिटी गार्ड वहां पहुंचे और वीडियो बनाने छात्र जो पानी की टंकी के ऊपर चढ़े हुए थे उनको नीचे बुलाए.

लगभग 6:30 सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा उन छात्रों का आई.डी कार्ड मांगा गया, और पूछताछ की गई. छात्रों का कहना था कि उनके पास आई.डी कार्ड नहीं है हॉस्टल में है, आप हॉस्टल में चल कर देख लीजिए.

फिर वहां से वह लोग भाग कर विश्वविद्यालय के मेन गेट की तरफ चले गए जो कि टैंक से 100 मीटर आगे है, वहां सिक्योरिटी गार्ड कॉल कर कर पहले ही घटना की जानकारी दे देते है.

बाहर ना जाने के चक्कर में सिक्योरिटी गार्ड से बातचीत कर वाद विवाद होने लगा, छात्रों ने अपने कुछ और अन्य केरला के साथियों के वहां बुला लिया.

लगभग 7:00 जब छात्रों ने अपने और छात्रों को बुलाया तब विश्वविद्यालय के मेन गेट में सिक्योरिटी गार्ड ने भी सुरक्षा की दृष्टि से अन्य और गार्ड्स को बुलाया 7-8 गार्ड और आ गए. केरल के छात्र मेन गेट से बाहर की ओर जाने लगे जब उनको बाहर नहीं जाने दिया गया.

तब मेन गेट से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर एडमिनिस्ट्रेशन के सामने तिलकामांझी सर्कल पर सिक्योरिटी गार्ड्स आ गए और इन छात्रों को रोककर इनका आई.डी कार्ड मांगा. वहां पर इनके पास आई.डी कार्ड नहीं था. ऐसे में सुरक्षाकर्मियों से वाद विवाद हुआ और उनसे हाथापाई हो गई.

इन छात्रों को और और सिक्योरिटी गार्ड को भी चोट आई. वहां से केरल के छात्र विश्वविद्यालय में उपस्थित डिस्पेंसरी गए 7:30 डिस्पेंसरी पहुंचे, जहां से इनको डिस्टिक हॉस्पिटल रेफर किया गया.

अनूपपुर जिला अस्पताल में पहुंचने के बाद, mlt report बनाकर पूरे देश में यह दिखाया जाता है कि विश्वविद्यालय द्वारा क्षेत्र विशेष एवं समुदाय पर इनको टारगेट कर हमला किया गया.

डॉ विजय कुमार दीक्षित (जनसंपर्क अधिकारी) ने यह भी बताया कि यह एक भ्रामक जानकारी है कि छात्रों को क्षेत्र विशेष के आधार पर देखा जाता है, जबकि ऐसा नहीं है. कुलपति पूरे विश्वविद्यालय के अभिभावक हैं. इस विश्व विद्यालय में देश के कोने कोने से छात्र छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जांच प्रक्रिया जारी है. कुलपति का स्पष्ट निर्देश है कि जो भी पक्ष दोषी पाया जाएगा उस पर निमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

नशे की जद में कैसे आ रहे छात्र ?

बहरहाल, सुरक्षाकर्मी के मुताबिक अगर छात्र नशे का सेवन कर रहे थे, तो बड़ा सवाल ये है कि जब प्रबंधन गेट में गार्डों को तैनात किया है, तो नशीला पदार्थ कैंपस में कैसे पहुंचा. क्या ये प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है, जिसके कारण आज नशे की जद में छात्र पड़ रहे हैं.

 

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