
अनूपपुर। वैसे छात्र तभी स्कूल से कदम निकालकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं, जब वे ज्यादा ही तकलीफ में हों…नहीं बेफिजूल आंदोलन या फिर किसी तरह की सड़कों पर लड़ाई नहीं लड़ते, लेकिन जब ज्यादा ही तकलीफें उनके हिस्से आती है, तो प्रशासन की शरण में जाते हैं. ऐसी ही एक तस्वीर अनूपपुर में देखने को मिली, जहां छात्रों के साथ जुबानी बदसलूकी हो गई. आरोप है कि कलेक्टर मैडम सोनिया मीणा जनसुनवाई में समस्या लेकर पहुंचे छात्रों को ‘गेट आउट’ बोलकर भगा दीं. अब न्याय की उम्मीद करें तो करें किससे ?
आरोप है कि मैडम छात्रों पर जब तमतमा उठीं, तो मजबूरन छात्र खाली हाथ औऱ निराशा लेकर लौट गए. कलेक्टर के…गेट आउट… सुनते उनके आत्मीय सम्मान हो ठेस पहुंची. वह सीधे सभागार से बाहर आ गए.
छात्रों के मुताबिक आगामी महीने में वार्षिक परीक्षाएं हैं. ऐसे में वह अपने भविष्य को लेकर चिंचित हैं, लेकिन कलेक्टर के इस गैर जिम्मेदाराना वाक्य ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) के छात्रों की भावनाओं को आहत कर दिया.
बताया जा रहा है कि जैतहरी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) के छात्र विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था दुरूस्थ कराने की मांग लेकर पहुंचे थे. साथ ही विद्यालय में भृत्य की पदस्थापना का विषय लेकर पहुंचे थे, क्योंकि विद्यालय का ताला खोलने से लेकर साफ-सफाई की व्यवस्था स्वयं उन्हें संभालनी पडती है.
छात्रों का कहना है कि ऐसे में वह अध्यापन कार्य नहीं कर पाते हैं, क्योंकि विद्यालय आने के बाद उनका आधा समय इन्हीं व्यवथाओं में चला जाता है. विद्यालय में पदस्थ भृत्य को जिला पंचायत में बतौर चालक रख लिया गया है, जिससे समस्या खड़ी हो गई है.
कई मर्तबा शिकायत
बेबस छात्र जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त और मंत्री बिसाहू लाल सिंह समेत सभी को लिखित शिकायत दे चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला. ऐसे में एक रास्ता कलेक्टर का बचता है, जो है जन सुनवाई, लेकिन जन सुनवाई में भी कलेक्टर मैडम छात्रों को गेट आउट बोल कर निराश कर दीं.
क्यों तमतमा उठीं मैडम ?
बताया जा रहा है कि छात्रों ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन करने की बात कही, तो कलेक्टर अपना आपा खो बैठीं. छात्रों को गेट आउट कर दिया. हालांकि कुछ देर बाद कलेक्टर ने जो भी सोचा हो, छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को सभागार में बुलाकर उनसे सॉरी बोलीं. उनकी मांग को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद छात्रों ने राहत की सांस ली.
शोकॉज नोटिस जारी
वहीं सहायक आयुक्त, बीईओ, संकुल प्राचार्य और प्राचार्य को ज़िप.सीईओ ने शोकॉज नोटिस जारी किया. संबंधित जिम्मेदारों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के नियम 3 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 3 दिवस में संबंधितों से समक्ष में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.