अनूपपुर कलेक्टर क्यों हुए नाराज ? राजस्व वसूली और लंबित प्रकरणों की कर रहे थे समीक्षा, तभी इस वजह से जताई नाराजगी, जानिए पूरा मामला ?
अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने अधिकारियों की कोताही पर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही सख्त निर्देश भी दिए हैं. राजस्व वसूली और लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे. जहां कोताही पर कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार लगाई. इसके पहले भी कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी, लेकिन नुमाइंदों की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं कलेक्टर इन दिनों एक्शन मोड में हैं. जिले में रुके हुए काम ताबड़तोड़ चल रहे हैं.
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2023-24 के राजस्व वसूली का कार्य संतोषजनक नहीं है. सभी राजस्व अधिकारी राजस्व वसूली का कार्य प्लान बनाकर सुनिश्चित करें. उक्ताशय के निर्देश कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में राजस्व सेवाओं की राजस्व अधिकारियों से समीक्षा के दौरान दिए.
बैठक में नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, नक्शा तरमीम, मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना, मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना फेज-4, स्वामित्व योजना, पीएम किसान, ईकेवायसी, लैण्ड लिंकिंग, एमपीसीआई पेडेंसी तथा भौतिक सत्यापन, जनसुनवाई में आए राजस्व संबंधी आवेदनों, नक्षा शुद्धिकरण के संबंध में विस्तार से समीक्षा करते हुए राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया.
बैठक में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने तहसील कोतमा में राजस्व संबंधी सेवाओं के प्रकरणों के लंबित रहने पर नाराजगी जताई. स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अधिक से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए, जिससे लंबित प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित हो सके.
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को मॉनीटरिंग मैकेनिज्म को सुदृढ़ करते हुए कड़ाई से रिव्यू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए और कार्य में लापरवाही और शिथिलता बरतने वालों के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
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उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए परिणाममूलक कार्यवाही के निर्देश दिए. बैठक में कलेक्टर ने अनुभाग, तहसील तथा नायब तहसीलदारों के कार्यक्षेत्र में लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए आगामी बैठक के पूर्व स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समय-सीमा में प्रकरणों के निराकरण पर बल दिया गया. उन्होंने कहा कि समय-सीमा बाह्य प्रकरणों में एक्ट के प्रावधान अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने बैठक में कहा कि जनसुनवाई में राजस्व संबंधी आवेदनों की संख्या चिन्ताजनक है. उन्होंने राजस्व अधिकारियों को अमले के साथ बेहतर राजस्व सेवाओं को प्रदान कर जनता को लाभान्वित करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने भू-अर्जन के मामलों में संवेदनशील रहकर प्रकरणों का रिव्यू कर खातेदारों को मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए गए. बैठक में एसडीएम जैतहरी अंजली द्विवेदी, एसडीएम अनूपपुर दीपशिखा भगत, डिप्टी कलेक्टर दीपक पाण्डेय, तहसीलदार कोतमा ईश्वर प्रधान, तहसीलदार जैतहरी शशांक शेण्डे, एसएलआर प्रदीप मोगरे, नायब तहसीलदार, तहसीलों के रीडर उपस्थित थे.
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