शिवराज सरकार क्यों कर रही छल ? अनूपपुर में आगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की भूख हड़ताल, सभी केंद्रों में लटका ताला, जानिए क्या हैं इनकी मांगें ?
अनूपपुर। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायकिाओं ने सरकार और सिस्टम पर छलावा का आरोप लगाया है. कोरोना काल में आगनबाड़ी कर्मियों को 10 हजार रुपये अतिरिक्त राशि देने की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी, लेकिन ये महज छलावा साबित हुआ. मुख्यमंत्री अपने वादे को पूरा नहीं कर सके.
दरअसल, आगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका एकता यूनियन 26 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर है. 26 फरवरी को आगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भूख हड़ताल पर थी. सोमवार को आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखा.
इंदिरा तिराहे से तहसील कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर तहसीलदार भागीरथी लहरे को ज्ञापन सौंपा है. उनकी मांग है कि कार्यकर्ता और सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए किया जाए, जिससे उनके परिवारों का भरण-पोषण आसानी से हो पाए.
जानिए क्या हैं इनकी मांगें ?
मजदूर विरोधी श्रम सहिताओं को वापस लिया जाए एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी की श्रेणी में शामिल कर सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए दिया जाए।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन किराया कहीं 1 वर्ष से कही 5-6 माह से भुगतान नहीं हुआ हैं। जिसके कारण मकान मालिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को किराया तत्काल भुगतान करने व आंगनवाड़ी केंद्र खाली करने के लिए परेशान कर रहे हैं।
आगनबाड़ी भवन किराया तत्काल भुगतान किया जाए
पर्यवेक्षक के रिक्त 100 प्रतिशत पदों को योग्य आंगनवाड़ी कर्मियों एवं कार्यकर्ताओं के रिक्त 100% पदों को योग्य सहायिकाओं के पद भरा जाए। 10 वर्ष वरिष्ठता के स्थान पर 5 वर्ष वरिष्ठता की जाए।
कोरोना काल में आगनबाड़ी कर्मियों को 10 हजार रुपए अतिरिक्त राशि देने की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी। जो आज तक प्राप्त नहीं हुई तत्काल भुगतान कराया जाए।