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अमेरिका से डिपोर्ट लोग आज पहुंचेंगे अमृतसर: इनमें 33 हरियाणा, 30 पंजाब के, एयरफोर्स बेस पर उतरेंगे, जानिए अधिकारी क्या बोले ?

Amritsar Airport; US India Illegal Immigrants Deportation Update: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अवैध रूप से अमेरिका में घुसे भारतीयों को वापस देश में लाया जा रहा है। इन्हें लेकर अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरेगा। इसमें हरियाणा के 33 और पंजाब के 30 समेत 104 लोगों के होने की उम्मीद है।

Amritsar Airport; US India Illegal Immigrants Deportation Update: यह फ्लाइट मंगलवार दोपहर सैन एंटोनियो से रवाना हुई। इसके दोपहर करीब डेढ़ बजे अमृतसर पहुंचने की उम्मीद है। विमान को यहां वायुसेना अड्डे पर उतारा जाएगा। वायुसेना अड्डे के रास्ते में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

पंजाब पुलिस और सीआईएसएफ को तैनात किया गया है। पंजाब सरकार की ओर से कुछ बसें भी अंदर खड़ी की गई हैं, जो निर्वासित भारतीयों को उनके घर भेजेंगी।

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार आने वाले लोगों की सूची मिल गई है। जांच के बाद इनमें कोई कुख्यात अपराधी नहीं मिला। कई लोग अपने परिवारों के साथ हैं, जिन्हें उचित दस्तावेज न होने के कारण अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया।

इमिग्रेशन और कस्टम प्रक्रिया के बाद उन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया जाएगा। अमेरिका से विमान के उड़ान भरने के बाद से ही अमृतसर एयरपोर्ट पर काफी चहल-पहल है। सिलसिलेवार बैठकें चल रही हैं।

अमृतसर एयरपोर्ट पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है। 56 अमेरिकी अधिकारी और क्रू मेंबर भी आएंगे साथ अमृतसर जिला प्रशासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी तक डिपोर्ट होकर आने वाले भारतीयों को हिरासत में लेने का कोई आदेश नहीं मिला है और न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई डिटेंशन सेंटर बनाया गया है।

जानकारी के अनुसार अमेरिका से आने वाले विमान के साथ 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी जाएंगे, जो भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारने के बाद वापस लौट जाएंगे।

सभी अवैध अप्रवासियों का डाटा चेक किया गया

सभी अवैध अप्रवासियों को भारत में उनके निवास का पूरा डाटा चेक करने के बाद ही देश में प्रवेश की अनुमति दी गई है। 23 जनवरी को विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से अवैध अप्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की थी।

इस दौरान डिपोर्ट करने पर सहमति बनी थी। 27 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि फोन पर बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर भरोसा दिलाया कि जो भी सही होगा, किया जाएगा।

प्रमाणपत्र की होती है जांच

अमृतसर के पूर्व पासपोर्ट अधिकारी जेएस सोढ़ी ने बताया कि जिस व्यक्ति को डिपोर्ट किया जाता है, उसके पास उसका पासपोर्ट नहीं होता। ऐसे में संबंधित भारतीय दूतावास उन्हें एक प्रमाण पत्र जारी करता है, जिसे भारत में उतरते ही वापस ले लिया जाता है।

यह प्रमाण पत्र जारी करने से पहले भारतीय दूतावास संबंधित व्यक्ति के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाता है। पूर्व पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि भारत लौटने के बाद भी स्थानीय पुलिस उन पर नजर रखती है। उनका दोबारा सत्यापन किया जाता है।

अमेरिका ने अब तक 4 छोटे देशों को किया डिपोर्ट

ट्रंप सरकार ने अब तक 4 छोटे देशों- ग्वाटेमाला, होंडुरास, इक्वाडोर और पेरू से अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया है। भारत पांचवां देश है, जहां से अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया है।

भारत अमेरिका से सबसे दूर का देश है, जहां डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका भारत से करीब 11 हजार किमी दूर है। वहीं, पेरू करीब 6 हजार किमी दूर है।

विमान पर 6 करोड़ खर्च

अमेरिका ने जिस विमान से भारतीयों को भेजा है, उसकी कीमत करीब 6 करोड़ रुपये है। यह चार्टर्ड फ्लाइट से करीब 6 गुना ज्यादा है। यात्रा के दौरान अवैध अप्रवासी हथकड़ी में रहेंगे।

राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा से अवैध अप्रवासियों को अपराधी बताते रहे हैं। सैन्य विमान से अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करके ट्रंप यह सख्त संदेश देना चाहते हैं कि अब अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के लिए कोई जगह नहीं है।

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