
Publish Date: | Thu, 13 Oct 2022 03:17 PM (IST)
अंबिकापुर। बलरामपुर जिले में सड़क हादसों में कमी लाने पुलिस द्वारा परिवहन व यातायात नियमों का पालन कराने लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है। परिवहन तथा लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर ब्लैक स्पाट और ग्रे स्पाट में व्याप्त कमियों को दूर करने की भी कोशिश की जा रही है ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। बलरामपुर जिले के राजपुर से कुसमी तक एलडब्ल्यूई योजना के तहत सड़क का निर्माण कराया गया था।
एक दौर था जब एकीकृत सरगुजा जिले में यही एकमात्र चकाचक चौड़ी सड़क थी। निर्माण के बाद नियमित संधारण के अभाव से यह सड़क भी अब उधड़ने लगी है। इस सड़क पर वाहनों की तेज गति के कारण हादसे भी होते रहे हैं। राजपुर से शंकरगढ़ होते कुसमी तक सड़क दुर्घटनाओं के कारण कई स्थानों को ब्लैक स्पाट निर्धारित किया गया है लेकिन उस अनुरूप वाहन चालकों को सतर्क करने तथा चिन्हित स्थल पर दुर्घटना रोकने जरूरी उपाय नहीं किए गए हैं, इसका पता तब चला जब परिवहन, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बलरामपुर पुलिस की यातायात टीम निरीक्षण के लिए पहुंची।
ब्लैक स्पाट के साथ वैकल्पिक रास्तों के ग्रे स्पाट का भी निरीक्षण किया गया, जो कमियां पाई गई उन कमियों को दूर करने सामूहिक प्रयास करने सभी ने सहमति दी। जिला परिवहन अधिकारी एसएल लकड़ा, यातायात प्रभारी राजेंद्र साहू, लोक निर्माण विभाग के एसके लकड़ा के साथ मिलकर राजपुर ,शंकरगढ़ ,कुसमी, क्षेत्र में पड़ने वाले ब्लैक स्पाट एवं ग्रे स्पाट का बारीकी से निरीक्षण किया गया।निरीक्षण में कुछ कमियां पाई गई। इन कमियों को सूचीबद्ध किया गया है।
ब्लैक स्पॉट पर वाहन चालकों को सजग और सतर्क करने जो व्यवस्थाएं होनी चाहिए उन व्यवस्थाओं की भी कमी देखी गई है। पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देश पर टीम ने निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार कर ली है जो कमियां पाई गई है उसे जल्द से जल्द दूर करने का निर्णय लिया गया है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।
क्या है ब्लाक स्पाट
जिस जगह पर कई सड़क हादसे होते हैं उस जगह को ब्लैक स्पाट घोषित कर दिया जाता है। ये वो जगहें हैं जहां बार-बार दुर्घटना होते हैं। किसी एक जगह पर तीन साल में पांच सड़क दुर्घटना हो जाएं या किसी जगह पर तीन साल में 10 मौतें हो जाएं तो उसे ब्लैक स्पाट माना जाता है
समझिए ग्रे स्पाट को
किसी सड़क पर घुमावदार वाले स्थलों को ग्रे स्पाट के नाम से जाना जाता है।सीधी और आसान रास्ते नहीं होते हैं।यह रास्ते या तो लंबे या घुमावदार होते हैं, या फिर ऐसे रास्तों पर यातायात का दबाब बहुत ज्यादा होती है।
Posted By: Yogeshwar Sharma