Ram Navmi 2023 In Amarkantak News: रामनवमी का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. सनातन धर्म में यह दिन विशेष महत्व रखता है. इस दिन लोगों की आस्था के केंद्र भगवान श्रीराम का जन्मदिवस मनाया जाता है. इसी कड़ी में अमरकंटक में भी भगवान राम की शोभा यात्रा निकाली गई. रामनवमी के शुभ अवसर पर फलहारी पीठ अमरकंटक में जगतगुरु रामानंदाचार्य रामराजेश्वरचार्य माऊली सरकार के नेतृत्व में हर वर्ष की भांति भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. इस दौरान हीरा सिंह श्याम समेत बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे.
राम जन्मोत्सव पर रविवार सुबह शोभायात्रा का आयोजन हुआ. हर साल की तरह फलहारी पीठ में विराजमान राम जानकी की मूर्ति को नगर भ्रमण शोभायात्रा के माध्यम कराया गया, जिसमें सभी भक्तजनों के द्वारा स्वामी जगतगुरु रामानंदाचार्य रामराजेश्वरचार्य माऊली सरकार की उपस्थिति में यात्रा निकाली गई.
इस भव्य शोभा यात्रा में 50 से 60 गांव से अधिक के भक्त शामिल हुए. फलहारी पीठ के पूर्व पीठाधीश्वरों की पुण्य तिथि मनाई जाती है. इस दौरान पूरा अमरकंटक राम भक्ती में लीन नजर आया. यात्रा राम और जानकी की जयकारों से अमरकंटक गूंज उठा था.
रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है, जो अप्रैल-मई में आता है. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था.
राम नवमी का क्या है महत्व
हिंदु मान्याताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों का अंत करने के लिए भगवान श्रीराम के रूप में अवतार लिया था. भगवान श्रीराम का जन्म राजा दशरथ और माता कौशल्या के यहां हुआ था. श्रीराम का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था.
आपको बता दें कि मध्याह्न काल दो घंटे 24 मिनट तक चलता है. इस दिन को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान श्रीराम का भी अभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं.
कहां-कहां है श्रीराम के प्रमुख मंदिर
रामनवमी के अवसर पर भक्तों की श्रीराम के मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए भीड़ जुटती है. बता दें कि अलग-अलग राज्यों में श्रीराम के कुछ प्रमुख मंदिर हैं, जिसमें अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि, नासिक का श्री कालाराम मंदिर, सोमनाथ, शिकोहाबदा और भीमाशंकर का श्रीराम मंदिर प्रमुख है.