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MP News: कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए सभी आठ चीते स्वस्थ एवं तंदुरुस्त, भैंस का मांस खिलाया जा रहा

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नामीबिया से लाकर 28 दिन पहले मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए सभी आठ चीते स्वस्थ एवं तंदुरूस्त हैं। साथ ही उन्हें विशेष बाड़ों में भैंस का मांस खिलाया जा रहा है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच से लीवर घुमाकर लकड़ी के पिंजड़ों के दरवाजे खोलकर विशेष बाड़ों में छोड़ा है। वन अधिकारियों ने बताया, ये विशेष बाड़े पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में बने हुए हैं। इन चीतों को अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार एक महीने के पृथकवास में रखा जाना है, जो अब दो दिन में पूरा होने वाला है।

उन्होंने कहा, एक महीने के पृथकवास की अवधि समाप्त होने पर इन चीतों को बसाए जाने की निगरानी के लिए गठित कार्यबल की दो दिन बाद सोमवार को ऑनलाइन बैठक होगी। वन अधिकारियों ने कहा कि इस बैठक में यह कार्यबल इन चीतों को पांच वर्ग किलोमीटर से थोड़ा अधिक क्षेत्र में फैले ‘सॉफ्ट रिलीज बाड़े’ में स्थानांतरित करने पर निर्णय लेगा।

उन्होंने कहा, हमें लगता है कि एक या दो महीने या उससे कुछ अधिक समय में इन चीतों को जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए आजाद किया जाएगा। मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया, कार्यबल चीतों को सॉफ्ट रिलीज बाड़े में स्थानांतरित करने पर निर्णय लेगा। इन आठ चीतों में से पांच मादा एवं तीन नर हैं और उनकी उम्र 30 से 66 महीने के बीच की है।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान के संचालक उत्तम शर्मा ने बताया, ‘सभी चीतों का स्वास्थ्य ठीक है। वे अपनी दिनचर्या करते रहते हैं। इधर-उधर घूमते रहते हैं। विशेषज्ञों की देखरेख में उन्हें भैंस का मांस दिया जा रहा है।

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नामीबिया से लाकर 28 दिन पहले मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए सभी आठ चीते स्वस्थ एवं तंदुरूस्त हैं। साथ ही उन्हें विशेष बाड़ों में भैंस का मांस खिलाया जा रहा है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन चीतों को 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच से लीवर घुमाकर लकड़ी के पिंजड़ों के दरवाजे खोलकर विशेष बाड़ों में छोड़ा है। वन अधिकारियों ने बताया, ये विशेष बाड़े पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में बने हुए हैं। इन चीतों को अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार एक महीने के पृथकवास में रखा जाना है, जो अब दो दिन में पूरा होने वाला है।

उन्होंने कहा, एक महीने के पृथकवास की अवधि समाप्त होने पर इन चीतों को बसाए जाने की निगरानी के लिए गठित कार्यबल की दो दिन बाद सोमवार को ऑनलाइन बैठक होगी। वन अधिकारियों ने कहा कि इस बैठक में यह कार्यबल इन चीतों को पांच वर्ग किलोमीटर से थोड़ा अधिक क्षेत्र में फैले ‘सॉफ्ट रिलीज बाड़े’ में स्थानांतरित करने पर निर्णय लेगा।

उन्होंने कहा, हमें लगता है कि एक या दो महीने या उससे कुछ अधिक समय में इन चीतों को जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए आजाद किया जाएगा। मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया, कार्यबल चीतों को सॉफ्ट रिलीज बाड़े में स्थानांतरित करने पर निर्णय लेगा। इन आठ चीतों में से पांच मादा एवं तीन नर हैं और उनकी उम्र 30 से 66 महीने के बीच की है।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान के संचालक उत्तम शर्मा ने बताया, ‘सभी चीतों का स्वास्थ्य ठीक है। वे अपनी दिनचर्या करते रहते हैं। इधर-उधर घूमते रहते हैं। विशेषज्ञों की देखरेख में उन्हें भैंस का मांस दिया जा रहा है।

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