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वीडियो: ध्यान से देखिए उल्टे नंबर वाली प्रकृति की घड़ी, आदिवासी यही समय देखते हैं, इसके पीछे बड़ी वजह

मप्र के आलीराजपुर जिले का एक युवा अपने काम से न सिर्फ खुद की नई पहचान बना रहा है बल्कि आदिवासी लोगों के लिए रोजगार भी उपलब्ध करवा रहा है। यह कहानी है अर्पित तोमर की जो सरकारी नौकरी छोडक़र खुद का बिजनेस शुरू कर चुके हैं। अर्पित ने बताया कि वो बिहार में फिशरिंग डिपार्टमेंट में थे। वहां पर उन्हें बोरियत हो रही थी और वे हमेशा से कुछ यूनीक करना चाहते थे। जब वे अपने जिले आलीराजपुर आते थे तो वहां पर उन्हें कई रोमांचक चीजें दिखती थी जो शहरों के लोग बहुत पसंद करते हैं। इसी बात से उन्हें नए स्टार्टअप का आइडिया आया। उन्होंने आर्टो ब्रदर्स के नाम से काम शुरू किया जो ट्रायबल आर्ट को प्रमोट करने का काम करता है। उनकी टीम आदिवासियों से बेहद सुंदर चीजें बनवाकर ऑनलाइन सेल करती है और इसके बदले आदिवासियों को उचित मेहनताना देती है। वे बताते हैं कि उनके काम से कई आदिवासियों को रोजगार मिलने लगा है। 

उल्टी क्यों है यह घड़ी

अर्पित आदिवासियों की बनाई एक घड़ी भी ऑनलाइन सेल करते हैं जो सामान्य घडिय़ों की तुलना में उल्टी दिशा में चलती है। इस घड़ी में नंबर सामान्य घड़ी की तरह ही हैं बस उल्टी दिशा में हैं। इसमें भी 12 के बाद ही 1 बजता है बस घड़ी के चलने की दिशा सामान्य घड़ी से विपरीत होती है। अर्पित ने बताया कि आदिवासी समाज में सभी रीति रिवाज इसी दिशा में यानी कि एंटी क्लॉक वाइज होते हैं। आदिवासियों में नृत्य, रंगोली मांडना और अन्य सभी परंपराएं इसी दिशा में घूमती हैं। इसीलिए उनकी घड़ी भी सामान्य घडिय़ों की तुलना में उल्टी दिशा में होती है। दिशाओं के यह सिद्धांत उनके पूर्वजों ने बनाए हैं जिनका आज भी वे पालन कर रहे हैं। 



अपने क्षेत्र को दिलाना है पहचान

अर्पित के साथ नरेश तोमर भी काम करते हैं जो सोशल मीडिया मार्केटिंग का काम संभाल रहे हैं। नरेश ने बताया कि लोग इन दिनों ट्रायबल आर्ट को खासा पसंद कर रहे हैं। वे घर की सजावट से लेकर कपड़ों तक में ट्रायबल आर्ट को देखना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम ट्रायबल आर्ट के विभिन्न रंगों को शहरों के लोगों तक पहुंचा रही है। वे घरों की सजावट, कपड़ों, आदिवासी शस्त्रों से लेकर ऑर्गेनिक फूड तक में काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि जितना हम अपनी जड़ों से जुड़ेंगे उतने ही अधिक बेहतर बनते जाएंगे। 


सोशल मीडिया ने दिलाई पहचान

अर्पित ने बताया कि उनका काम सोशल मीडिया पर खासा सराहा जाता है। उन्होंने बताया कि वे जो भी चीजें बनाते हैं उन्हें सोशल मीडिया पर प्रमोट करते हैं और वहीं से उन्हें ऑर्डर भी मिल जाते हैं। इसके लिए उन्होंने अलग से एक टीम भी बनाई है। भविष्य में वे इस काम को कई युवाओं की मदद से आगे बढ़ाएंगे। वे अपने प्रोडक्ट को मेट्रो सिटी और इंदौर, भोपाल जैसे तमाम शहरों तक ले जाना चाहते हैं। 


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