Ujjain: कोटितीर्थ कुंड के बाद अब चमकेगा महाकाल मंदिर का शिखर, पानी खाली कराकर होगी तल भाग की सफाई
भगवान कोटेश्वर के अंगूठे से बना था कुंड
महाकाल मंदिर परिसर स्थित कोटितीर्थ कुंड रंगाई-पुताई के बाद चमक उठेगा। महाकाल मंदिर के पुजारी अभिषेक शर्मा (बाला गुरु) ने बताया कि यह अति प्राचीन कुंड है। सदियों से पुण्य सलीला क्षिप्रा एवं मंदिर परिसर में पावन कुंड के जल से ही भूतभावन भगवान महाकालेश्वर के ज्योतिर्लिंग का अभिषेक पूजन होता रहा है। उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता अनुसार अवंतिका में महाकाल रूप में विचरण करते समय कोटितीर्थ भगवान के पैर के अंगूठे से प्रकट हुआ था। कुंड की सफाई और पुताई के बाद पानी बदला जाएगा एवं आसपास बने शिवलिंग मंदिरों के शिखरों की भी रंगाई-पुताई की जाएगी।
सात लाख श्रद्धालुओं के आने का है अनुमान
महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार मंदिर में पिछले साल के मुकाबले दो से तीन गुना श्रद्धालुओं के अधिक आने का अनुमान अधिकारी लगा रहे हैं। महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के सुगमता से दर्शन हो सकें इसकी रणनीति बनाई गई है। इसके अलावा जहां से श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु प्रवेश दिया जाएगा, उसके समीप ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जूता स्टैंड, क्लॉक रूम और अन्य सुविधाएं जुटाई जाएगी।