आरोपी केशव उपाध्याय
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फोन पर बात कर रहा था, रोकने पर बोनट पर लटका पुलिस जवान
आरोपी केशव सोमवार को अपनी कार में फोन पर बातें करते हुए जा रहा था। विजय नगर चौराहे पर पुलिस जवान ने उसे रोका तो वह बहस करने लगा। फिर कार में जाकर बैठ गया। जवान केशव सिंह कार के सामने खड़ा हो गया। केशव ने कार स्टार्ट की और आगे बढ़ गया। जवान बोनट पर लटक गया, लेकिन केशव फिर भी नहीं रुका। बाद में एक सूबेदार ने पीछा कर कार को रोका और केशव को थाने लाए।
इंदौर में सोमवार को कार के बोनट पर लटकाकर एक युवक साढ़े तीन किलोमीटर तक ले गया। उसने यह प्रयास भी किए कि पुलिस जवान गाड़ी से गिर जाए और ताकि वह भाग सके। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन पुलिस जवान को कुचलने का प्रयास करने वाले युवक के रसूख के आगे पुलिस भी झूक गई। जानलेवा हमले की धारा लगाने के बजाए पुलिस ने मामूली धाराओं में केस दर्ज कर लिया। अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन है पुलिस जवान को कार के बोनट पर बैठाने वाले युवक केशव उपाध्याय? चलिए आपको हम बताते है कि केशव कौन है और क्या करता है।
सरकारी ठेके लेता है
पुलिस जवान को बोनट पर लटकाने वाला केशव फिलहाल सलाखों के पीछे है। उसके पास दो हथियार भी मिले है। केशव उपाध्याय ग्वालियर का निवासी है और सरकारी ठेके लेता है। वह ग्वालियर के पड़वा मोहल्ले में रहता है। पुलिस हाऊसिंग कार्पोंरेशन सोसायटी के कुछ प्रोजेक्ट भी उसने किए है। फिलहाल मंदसौर मेें उसका काम चल रहा है। केशव के पिता भाजपा से जुड़े है। केशव के कई भाजपा नेताअेा से ताल्लुक है। जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो केशव किसी को फोन लगा रहा था। फिर सूबेदार से कहा कि लो गृृहमंत्री से बात कर लो, हालांकि पुलिस जवान ने बात नहीं की और उसे थाने ले आए। गृहमंत्री से जुड़े लोगों का कहना है कि केशव उनका समर्थक नहीं है।
कार चालक मेरा रिश्तेदार नहीं
पुलिसकर्मी को बोनट पर लटकाकर कार चलाने के मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस ने कार चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। जब उनसे पूछा गया कि बताया जा रहा है कि कार चालक आपका भांजा है तो उन्होंने कहा कि मेरा कोई भांजा इंदौर या ग्वालियर में नहीं रहता। इंदौर में नाइट कल्चर को लेकर उन्होंने कहा कि इस पर पुर्नविचार करने की जरुरत है।
शासकीय कार्य में बाधा का केस लगाया
लसूडि़या पुलिस ने पुलिस जवान को कार के बोनट पर बैठने वाले आरोपी केशव पर शासकीय कार्य मेें बाधा का केस दर्ज कराया है,जबकि उसने पुलिस जवान शिवसिंह को गाड़ी से कुचलने की कोशिश की थी। उस पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज करने की तैयारी भी थी, लेकिन अफसरों के फोन घनघनाना शुरू हो गए और फिर हत्या के प्रयास की बजाए मामूली धारा लगाई गई।
दबाव में काम करती है पुलिस
इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता संतोष सिंह गौतम का कहना है कि भले ही शहर में पुलिस कमिश्नरी लागू हो गई है, लेकिन पुलिस अफसर नेताअेा के दबाव मेें काम कर रही है। जब अपने ही विभाग के जवान के साथ हुई घटना के साथ पुलिस विभाग न्याय नहीं कर पाया तो फिर आम जनता की सुनवाई कैसे होती है, यह सोचने वाली बात है।
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फोन पर बात कर रहा था, रोकने पर बोनट पर लटका पुलिस जवान
आरोपी केशव सोमवार को अपनी कार में फोन पर बातें करते हुए जा रहा था। विजय नगर चौराहे पर पुलिस जवान ने उसे रोका तो वह बहस करने लगा। फिर कार में जाकर बैठ गया। जवान केशव सिंह कार के सामने खड़ा हो गया। केशव ने कार स्टार्ट की और आगे बढ़ गया। जवान बोनट पर लटक गया, लेकिन केशव फिर भी नहीं रुका। बाद में एक सूबेदार ने पीछा कर कार को रोका और केशव को थाने लाए।
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