
ACB-EOW raid in Bharat Mala Project scam case: भारत माला प्रोजेक्ट घोटाले में एसीबी-ईओडब्ल्यू ने छापा मारा है। करीब 17 से 20 अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक समेत राजस्व विभाग के कई अधिकारियों के ठिकानों पर जांच चल रही है। रायपुर में तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के घर पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
रायपुर में सेज बहार कॉलोनी में राजस्व विभाग के एक अधिकारी के घर पर भी सुबह 6 बजे से जांच चल रही है। अधिकारियों को जेवर, नकदी और जमीन के दस्तावेज मिले हैं। हालांकि जांच जारी है। इसके बाद ही टीम पूरी जानकारी देगी। वहीं बिलासपुर में अतिरिक्त तहसीलदार लखेश्वर राम के घर पर 6 से ज्यादा अधिकारी जांच कर रहे हैं। इस दौरान परिवार के लोग जांच का विरोध करते रहे।
बता दें कि आज सुबह टीम ने नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी छापेमारी की है। महंत ने पीएमओ से की थी शिकायत
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र भेजकर भारतमाला परियोजना में सामने आए कथित मुआवजा घोटाले की शिकायत की थी। पीएमओ ने महंत की शिकायत का संज्ञान लिया। डॉ. महंत ने खुद इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से मुझे पत्र मिला है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इस मामले की सीबीआई जांच का फैसला लेगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
भारत माला परियोजना में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर एनएचएआई को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। एसडीएम, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज तैयार कर घोटाले को अंजाम दिया।
कुछ दिन पहले रायपुर से विशाखापट्टनम तक बन रहे (विशाखापट्टनम) इकोनॉमिक कॉरिडोर में घोटाले के मामले में दैनिक भास्कर डिजिटल में खबर प्रकाशित होने के बाद कोरबा के डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को निलंबित कर दिया गया था।
इससे पहले जगदलपुर निगम आयुक्त निर्भय साहू को निलंबित किया गया था। जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद शशिकांत और निर्भय के खिलाफ कार्रवाई की गई। निर्भय कुमार साहू समेत पांच अफसरों और कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा की हेराफेरी का आरोप है।
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