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IND-W vs AUS-W 2nd T20I 2022: भारतीय महिला क्रिकेट टीम उप कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा, एक साल पहले शायद इस तरह से लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते | 🏆 LatestLY हिन्दी

नवी मुंबई, 12 दिसंबर भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए पिछले कई वर्षों से करीबी मैचों का सफल अंत करना परेशानी का सबब रहा था लेकिन उप कप्तान स्मृति मंधाना का मानना है कि पिछले एक वर्ष में इस क्षेत्र में की गई कड़ी मेहनत से टीम विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया के खिलाफ करीबी मैच में जीत दर्ज करने में सफल रही. यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20I में भारत की जीत के बाद स्मृति मंधाना ने दी अपनी प्रतिक्रिया, देखें Post

मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 49 गेंदों पर 79 रन बनाए जिससे भारतीय टीम लक्ष्य हासिल करने के करीब पहुंच गई थी लेकिन आखिर में उसने 187 रन बनाकर स्कोर टाई करवाया। मंधाना ने बाद में सुपर ओवर में 13 रन बनाए जिससे भारत ने जीत दर्ज की.

मंधाना ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ हम करीबी मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे हालांकि हम मजबूत टीमों को कड़ी चुनौती दे रहे थे. करीबी मैच ऐसे मामले थे जिन पर पूरी भारतीय टीम काम कर रही है और इसकी शुरुआत राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल से हुई.’’

उन्होंने कहा,‘‘ कुछ मैचों में हमने जीत दर्ज करनी शुरू कर दी थी. हमारे खिलाड़ियों ने दबाव की परिस्थितियों से निपटना शुरू कर दिया और हमारे पास कई मैच विजेता भी हैं.’’

मंधाना ने कहा कि एक साल पहले तक भी टीम के लिए 25 गेंदों पर 45 के करीब रन बनाना आसान काम नहीं था.

उन्होंने कहा,‘‘ यदि 25 गेंदों पर 45 रन की जरूरत है तो एक साल पहले तक भी हो सकता था कि भारतीय महिला टीम इसे हासिल नहीं कर पाती. अब हमारे पास रिचा घोष, दीप्ति शर्मा और देविका वैद्य जैसे खिलाड़ी हैं. वे अच्छी तरह से अपनी भूमिका निभा रही हैं.’’

मंधाना ने रिचा को विशेष कौशल का धनी बताया जिन्होंने दूसरे मैच में चार गगनदायी (सुपर ओवर में एक सहित) छक्के लगाए.

उन्होंने कहा,‘‘ जब नियमित ओवरों में मैं आउट हो गई तो मैंने वापस लौटते समय रिचा से कहा मैच खत्म करके आना है और उसने कहा ठीक है दीदी. मैं जानती थी कि वह विशेष कौशल की धनी है.’’

मंधाना ने रिचा और शेफाली वर्मा को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुनने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड के फैसले का भी स्वागत किया.

उन्होंने कहा,‘‘ जब हम 16 या 17 साल के थे तो अंडर-19 महिला विश्वकप के बारे में सुनते थे. यह उनके लिए अच्छा है और हमें भी उनकी जगह दो नई लड़कियों को खिलाने से अपनी बेंच स्ट्रेंथ का पता चल पाएगा.’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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