क्या सच है ये कारनामा: PM मोदी के जन्मदिवस पर मृतकों को भी लगे कोरोना टीके के डोज ?
भोपाल: 17 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 71वां जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाया गया. ठीक इसी दिन कोविड-19 के टीकाकरण अभियान में 2 करोड़ से अधिक टीके लगाने का दावा किया गया. कोरोना के खिलाफ यह एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है लेकिन जब मृतकों को भी टीके का डोज लगने के प्रमाण पत्र जारी होने लगें तो इस रिकॉर्ड पर सवाल उठते हैं.
भोपाल से करीब 200 किलोमीटर दूर आगर मालवा में आशुतोष शर्मा मोबाइल में अपनी मां की यादों को सहेजते हैं. लेकिन इसी मोबाइल पर आए एक मैसेज और सर्टिफिकेट ने जैसे उस दर्द को और बढ़ा दिया. उनकी मां विद्या शर्मा को 8 मार्च को कोविशील्ड का पहला डोज लगा, जून में दूसरा डोज लगना था, लेकिन 1 मई 2021 को कोरोना से ही उनका निधन हो गया. मौत के 4 महीने बाद 17 सितंबर को मोबाइल पर मैसेज आया कि नगर पालिका टाउन हाल में उन्हें टीके का दूसरा डोज लग गया. वेबसाइट में आशुतोष को मां के नाम का सर्टिफिकेट भी मिल गया.
आशुतोष शर्मा का कहना है, ‘रात में 8.02 मिनट पर मैसेज आया, कहा दूसरा डोज लगाया गया. सर्टिफिकेट डाउनलोड होता है कि टीका लगाया गया जब मम्मी दुनियां में ही नहीं है ऐसे देश में टीका लगाया जा रहा है. मुझे लगता है अधिकारियों पर बहुत दबाव बनाया जा रहा है ये नंबर बढ़ा रहे हैं.
आगर के ही छावनी में रहने वाली 26 साल की पिंकी वर्मा ने 8 जून को पहला डोज लगवाया, दूसरा डोज लगना है लेकिन उन्हें भी 17 सितंबर मैसेज आ गया कि उन्हें टीका लग गया वो भी राजस्थान में झालावाड़ जिले के टीकाकरण केंद्र पर.
पिंकी का कहना है कि मुझे 8 जून को लगी थी दूसरी 7 सितंबर को लगनी थी लेकिन मेरी तबीयत खराब हो गई तो दूसरा डोज नहीं लिया. मुझे लगता है आंकड़े बढ़ाने के लिये ऐसा कर रही है जबकि मुझे लगा ही नहीं है दूसरा डोज.
भोपाल की लीला सुतार को 25 मार्च को पहला टीका लगा, फिर कोरोना संक्रमित हो गई, दूसरा डोज लग नहीं पाया लेकिन 17 को उन्हें भी टीका लगने का मैसेज आ गया. लीला का कहना है कि मैंने अभी दूसरा वैक्सीन नहीं लगाया फिर भी मैसेज आ गया. मैं कहीं बाहर गई तो मुझे तो परेशानी आएगी मैं क्या करूं.
लोगों का आरोप है ये आंकड़े बढ़ाने का खेल है, सरकार कह रही है छोटी सी दिक्कत. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है, कौन सा मामला है एक दो मामला हो सकता है जांच की जाएगी लिपकीय त्रुटि हो कोई ऐसी दिक्कत होगी तो निदान होगा. अब 27 सितंबर को महाअभियान की तैयारी है, लक्ष्य है उस दिन तक राज्य की पूरी आबादी को पहला डोज लगा दिया जाए.
– यानी लगभग 84 आबादी को टीके की एक डोज मिल गई है
– लेकिन लगभग 52 लाख लोगों को दूसरे डोज का इंतज़ार है
– भोपाल में 5000 लोग ऐसे हैं जिन्हें दोनों डोज लगने के बाद सर्टिफिकेट नहीं मिला