बिलासपुर। 20 दिनों से लापता बेटी को सुरक्षित घर लाने के लिए एक मां ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में बंदी प्रतिक्षण याचिका दायर की गुहार लगाई है। मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की डिवीजन ने बिलासपुर जिले की पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर लापता बेटी की खोजबीन करने और सुरक्षित घर पहुंचाने के निर्देश जारी किए हैं।
बिलासपुर जिला के बिल्हा थाना क्षेत्र की एक 15 वर्षीय बालिका सात अगस्त 2022 से लापता है। आस पड़ोस व स्वजन के यहां खोजबीन के बाद जब बेटी नहीं मिली तब माता-पिता ने बिल्हा थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
इस पर पुलिस ने धारा 363 के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया। एफआइआर दर्ज होने के बाद भी तलाश करने पर बालिका का कोई पता नहीं चला। पुलिस की उदासीनता से क्षुब्ध होकर बालिका की माता ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह, कुंवर साहू, चंद्र कुमार के जरिये हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बचपन बचाओ आंदोलन विरुद्ध भारत संघ में पारित निर्णय का हवाला दिया है। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई बुधवार को हुई थी। इस दौरान कई अन्य पक्षों ने अपना जवाब कोर्ट के समक्ष पेश नहीं कर पाया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने प्रकरण की सुनवाई के लिए बुधवार को ही गुरुवार की तिथि तय कर दी थी। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाकर्ता मां ने बेटी को सुरक्षित वापस घर लाने की गुहार हाई कोर्ट के समक्ष लगाई है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में पुलिस की कार्रवाई को लेकर आशंका के साथ ही नाराजगी भी जताई है।
उनका कहना है कि पुलिस से लगातार बेटी को सुरक्षित वापस लाने व खोजबीन करने की गुहार लगाने के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं बरती जा रही है। बीते 20 दिनों से बेटी घर से गायब है पता नहीं वह किस हाल में होगी और कहां होगी।
जिले में और भी घटित हो चुका है मामला
बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लाक के अलावा जिले के अन्य ब्लाकों में भी अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। बेटियां स्कूल जाने के नाम पर या घर से पड़ोस में या अपने परिचित के घर जाने के नाम पर निकलने के बाद घर वापस नहीं लौट पा रही हैं। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए याचिकाकर्ता मां ने आशंका भी जताई है। पुलिस कार्रवाई को लेकर कोर्ट के समक्ष उन्होंने नाराजगी जताने के साथ ही गुहार लगाई है कि उनकी बेटी को सुरक्षित वापस लाया जाए।