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नाक के जरिए दी जाएगी Corona vaccine वैक्सीन ! Bharat Biotech की नैजल वैक्सीन को मिली मंजूरी

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में इसे बूग बूस्ट करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि भारत बायोटेक के ChAd36-SARS-CoV-S कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी मिल गई। यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा।

भारत बायोटेक के कोविड-19 रीकॉम्बिनेंट नेज़ल वैक्सीन को स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा आपातकालीन स्थितियों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के प्राथमिक टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी है।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा की। स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में इसे बूग बूस्ट करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि भारत बायोटेक के ChAd36-SARS-CoV-S कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी मिल गई। यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा।

बता दें कि दिसबंर में ही भारत बायोटेक ने कोविड रोधी टीके की बूस्टर डोज के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन किया था। भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अनुसार देश में 9 स्थानों पर इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल होगा। ये टीका पहला नेजल टीका है जिसे तीसरे चरण के परीक्षण के लिए मंजूरी मिली है।

नैजल वैक्सीन क्या है?

टीके आमतौर पर विभिन्न मार्गों के माध्यम से दिए जाते हैं, जिनमें सबसे आम इंजेक्शन मांसपेशियों (इंट्रामस्क्युलर) या त्वचा (चमड़े के नीचे) के बीच के ऊतक में दिए जाते है। लेकिन असे दिए जाने के और भी तरीके हैं, विशेष रूप से शिशुओं के लिए कुछ टीकों में इंजेक्शन लगाने की बजाए ओरल डोज के रूप में दी जाती है।

इंट्रानैसल मार्ग में वैक्सीन को नाक में छिड़का जाता है और साँस ली जाती है। नैजल वैक्सीन नाक से दी जाने वाली वैक्सीन है। व्यक्ति की नाक में वैक्सीन की कुछ बूंदे डालकर उसका टीकाकरण किया जाता है।

डॉक्टरों के अनुसार कोई भी वायरस हमारे शरीर में नाक के माध्यम से ही पहुंचता है। कोरोना के भी हमारे शरीर में पहुंचने का सबसे अहम रास्ता नाक ही है। ऐसे में ये वैक्सीन कोरोना को फेफड़ों या शरीर के अन्य हिस्सों में जाने से रोक सकती है।

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