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IGNTU अमरकंटक में लोकार्पण कार्यक्रम: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भवनों का किया उद्घाटन, कहा- गुमनाम जनजातीय नायकों पर शोध की जरूरत

मुख्यमंत्री शिवराज बोले- यह विश्वविद्यालय जनजातीय भाई बहनों को उन्हीं की कला में पारंगत कर रहा...

रमेश तिवारी, पुष्पराजगढ़। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि केन्दीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलाधिपति डॉ. मुकुल ईश्वरलाल शाह, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी, विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद और विद्या परिषद सदस्य समेत विद्यार्थी और किसान शामिल हुए.

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर सर्वप्रथम नवनिर्मित भवनों का वर्चुअल लोकार्पण किया. उन्होंने विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की धरा में जनजातीय नायकों से भरी हुई, क्योंकि आजादी की लड़ाई में इनके द्वारा अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए गए थे.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय इन नायकों को अपने अध्ययन में शामिल कर रहा है. जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रहा है, विश्वविद्यालय का एक केंद्र मणिपुर में स्थित है. मणिपुर और पूरा पूर्वोत्तर राज वीर जनजातीय नायकों की जमीन है. इन गुमनाम जनजातीय नायकों पर शोध कार्य होना चाहिए. उन पर केंद्रित कार्यक्रम होने चाहिए, जिससे जनजातियों का गौरव बढ़ेगा.

आपने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को गुरु गोविंद सिंह की उक्ति को बताया कि बारिश के मौसम में पक्षी पानी से बचने के लिए जमीन पर आश्रय लेते हैं, जबकि बाज एक ऐसा पक्षी है जो बारिश से बचने के लिए बादलों के ऊपर उड़ता है. समस्या ही समाधान है, आप समस्या में समाधान ढूंढिए.

अपने उद्बोधन में आपने केंद्र सरकार द्वारा जनजातियों के लिए किए जा रहे शासकीय कार्यों जैसे स्वच्छ भारत मिशन, शौचालय निर्माण, छात्रवृत्ति वितरण, एकलव्य जनजातीय विद्यालय, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा अन्य योजनाओं में भारत सरकार की उपलब्धियों की जानकारी प्रस्तुत की और बताया कि विगत 7 वर्षों में सरकार ने जनजातीय समुदाय के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपने उद्बोधन में कहा ‘कि यह विश्वविद्यालय जनजाति कला साहित्य संस्कृति और कौशल का संरक्षण करते हुए उसका आधुनिक ज्ञान के साथ समन्वय एवं समायोजन करने तथा आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की उपलब्धियों को समाज तक पहुंचाने के ध्येय को लेकर ज्ञान-विज्ञान की विविध विधाओं के सम्यक अध्ययन-अध्यापन में संलग्न है.

उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय जनजातीय भाई बहनों को उन्हीं की कला में पारंगत कर रहा है. अपने पाठ्यक्रम में जनजातीय विषयों को शामिल कर रहा है. मुख्यमंत्री द्वारा यहां के जनजातीय नायकों में बिरसा मुंडा से लेकर मध्य प्रदेश के तमाम जनजातीय नायकों को याद किया गया.

कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर आलोक श्रोत्रिय ने नवनिर्मित भवनों की जानकारी दी गई, जिसमें शैक्षणिक आवासीय भवन और कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि उपज भंडारण गृह है. कुलपति प्रोफेसर प्रकाश मणि त्रिपाठी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी. साथ में अजीविका कौशल विकास केंद्र द्वारा जनजातीय क्षेत्र में चलाये जा रहे विकास कार्योंं का वर्णन किया.

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. मुकुल ईश्वर लाल शाह द्वारा विश्वविद्यालय में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों को पटल पर रखा गया. नवनिर्मित भवनों को विश्वविद्यालय की आवश्यकता बताया. उन्होंने इस बात की प्रसन्नता व्यक्त की, कि विश्वविद्यालय अध्ययन-अध्यापन कार्य उत्कृष्ट स्तर का हो रहा है.

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