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अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर चलती मालगाड़ी में धमाका: ओवरलोड कोयला हाई टेंशन से टकराया, प्लेटफॉर्म पर यात्रियों से भरी खड़ी थी रीवा-चिरमिरी पैसेंजर ट्रेन

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। सोमवार सुबह अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर कुछ सेकंड ऐसे गुज़रे, जिन्होंने वहां मौजूद हर यात्री की सांसें थाम दीं। बिलासपुर से कटनी की ओर जा रही एक मालगाड़ी जब स्टेशन से गुजर रही थी, तभी अचानक जोरदार धमाका हुआ और हवा में चिंगारियां उड़ने लगीं। कुछ पल के लिए ऐसा लगा जैसे स्टेशन पर बिजली गिर गई हो।

चिंगारियों से दहला प्लेटफॉर्म

सुबह का समय था। प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर रीवा-चिरमिरी पैसेंजर ट्रेन खड़ी थी। यात्री इधर-उधर चाय-नाश्ता कर रहे थे। उसी वक्त पास की लाइन पर कोयले से लदी मालगाड़ी गुजर रही थी। अचानक तेज़ आवाज़ आई — “ठाऽऽक!” और आसमान में बिजली की चमक जैसी सफेद चिंगारियां फैल गईं।

प्रत्यक्षदर्शी संजय ने बताया, “पहले तो लगा कोई ट्रांसफार्मर फूटा है, लेकिन देखते ही देखते पूरी मालगाड़ी से चिंगारियां निकलने लगीं। धुआं उठने लगा।

ओवरलोड कोयले ने छुआ हाई टेंशन तार

जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर से आ रही इस मालगाड़ी में कोयला तय सीमा से कहीं ज्यादा लदा हुआ था। जैसे ही ट्रेन अनूपपुर स्टेशन के ओवरहेड हाई टेंशन वायर के नीचे से गुज़री, ऊपर का कोयला सीधे तार से टकरा गया। इसी टकराव से शॉर्ट सर्किट हुआ और ज़ोरदार धमाका हो गया।

बाल-बाल बचे यात्री और बड़ी दुर्घटना टली

गनीमत रही कि उस समय मालगाड़ी मुख्य प्लेटफॉर्म पर नहीं थी। वह समानांतर लाइन से होकर जा रही थी। अगर ये हादसा ठीक प्लेटफॉर्म के पास हुआ होता, तो चिंगारियों से कोई बड़ा विस्फोट या आग लग सकती थी। रेलवे कर्मचारियों ने तत्काल सिग्नल बंद किया और वायर के पास किसी को न जाने देने के निर्देश दिए। स्टेशन मास्टर ने कंट्रोल रूम को सूचना दी और आपात टीम को बुलाया गया।

आसपास के स्टेशन पर रुकीं ट्रेनें

धमाके और पावर ट्रिपिंग के कारण अनूपपुर-शहडोल रूट पर रेल यातायात बाधित हुआ। सुरक्षा कारणों से जैतहरी, छुलहा और मौहरी स्टेशन पर कई ट्रेनों को रोका गया। तकनीकी टीम को बिजली आपूर्ति बहाल करने और वायर रिपेयर करने में लगभग दो घंटे लगे। इस दौरान स्टेशन पर सन्नाटा पसरा रहा।

घटना के बाद का दृश्य

धमाके के बाद भी कुछ देर तक मालगाड़ी के ऊपर से चिंगारियां उठती रहीं। पटरियों के पास जले हुए तारों की गंध फैल गई थी। यात्रियों में डर ऐसा था कि कोई प्लेटफॉर्म के किनारे जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था।

स्टेशन के कर्मचारी लगातार माइक पर घोषणा कर यात्रियों को शांत रहने और दूर बने रहने की अपील करते रहे। प्रत्यक्षदर्शी महिला यात्री बोलीं, “हम तो सोच रहे थे कि ट्रेन में आग लग गई। इतनी तेज आवाज आई कि कुछ समझ नहीं आया।”

रेलवे की त्वरित कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और बिजली विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक जांच में ओवरलोडिंग ही हादसे की मुख्य वजह निकली है। मालगाड़ी को प्लेटफॉर्म नंबर 4 के अतिरिक्त यार्ड में खड़ा कर दिया गया है, ताकि उसकी जांच हो सके।

अधिकारियों का कहना है कि अगर कोयले की ऊंचाई कुछ इंच और बढ़ी होती, तो ये हादसा पूरे स्टेशन को जला सकता था। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन तकनीकी जांच जारी है।


अनूपपुर स्टेशन पर सोमवार की सुबह जो कुछ हुआ, उसने साबित कर दिया कि एक लापरवाही कितना बड़ा खतरा बन सकती है। ओवरलोड मालगाड़ी की वजह से उठा धुआं और चिंगारियां भले अब शांत हो चुकी हों, लेकिन वहां मौजूद यात्रियों की आंखों में वो चमक आज भी जिंदा है—जिसे उन्होंने अपनी आंखों से देखा, और राहत की सांस ली कि मौत बस कुछ कदम दूर से गुजर गई।

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