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गरियाबंद से उठा आत्मनिर्भर भारत का नया संकल्प: मंच से गूंजा जनजागरण का संदेश, नेताओं ने खरीदी स्वदेशी कपड़े, जानिए और क्या कुछ हुआ ?

गिरीश जगत, गरियाबंद। क्या भारत को आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता गांव, कारीगर और खादी से होकर गुजरता है? भाजपा ने इस सवाल का जवाब आज गरियाबंद जिले के देवभोग मंडी प्रांगण में हुए एक विशेष कार्यक्रम से देने की कोशिश की। “आत्मनिर्भर भारत – संकल्प अभियान” के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को जनजागरण और स्वदेशी को जीवन में उतारने का संकल्प दिलाया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भाजपा नेता पवन साय ने मंच से अपने प्रेरणादायी भाषण में कहा कि “भारत में जब-जब जनजागरण हुआ है, तब-तब आमूलचूल परिवर्तन भी हुआ है।” उन्होंने स्वामी विवेकानंद से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के विज़न को जोड़ते हुए बताया कि “अब समय है, जब आत्मनिर्भर भारत को व्यवहारिक रूप में साकार करने के लिए देश के हर नागरिक को खड़ा होना पड़ेगा।

पवन साय ने अपने 40 मिनट के संबोधन में कार्यकर्ताओं को जीवन के हर क्षेत्र में भारतीयता और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि:

दैनिक जीवन में भारतीय उत्पादों का अधिकतम उपयोग करें
गांव, किसान और कारीगरों के उद्योगों को प्राथमिकता दें
पारिवारिक और सामाजिक जीवन में भारतीय भाषाओं को अपनाएं
पर्यावरण के अनुकूल और स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल करें
विदेशी पर्यटन की बजाय देश के पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता दें

साय ने कहा कि “स्वामी विवेकानंद जिन्हें नरेंद्र कहा जाता था, उन्होंने जनजागरण से चेतना लाई थी और आज के नरेंद्र मोदी, आत्मनिर्भर भारत के जरिए देश को फिर से जगाने निकले हैं।”

महिला मोर्चा और वरिष्ठ नेताओं की भी रही भागीदारी

कार्यक्रम में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष विभा अवस्थी, वेयरहाउस निगम के अध्यक्ष चंदूलाल साहू, संतोष उपाध्याय और जिला भाजपा अध्यक्ष अनिल चंद्राकर ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सभी ने स्वदेशी अपनाने की अपील करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

भाजपा महामंत्री आशीष शर्मा ने कार्यक्रम का मंच संचालन किया, वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता गोवर्धन मांझी ने सभी अतिथियों का स्वागत और आभार प्रकट किया।

हाथ करघा बुनकरों को मिला मंच से समर्थन, नेताओं ने की खरीदारी

कार्यक्रम के बाद एक और संदेश साफ़ तौर पर देखने को मिला। आयोजन स्थल पर मूंगझर स्थित हाथ करघा बुनकर समिति द्वारा लगाए गए स्टॉल से नेताओं ने 100 रुपये प्रति मीटर की दर से सूती कपड़ों की खरीदारी की। नेताओं ने कहा कि वे इन कपड़ों का इस्तेमाल अपने निजी जीवन में करेंगे, ताकि यह सिर्फ भाषण नहीं बल्कि व्यवहारिक समर्थन भी हो।

चंदूलाल साहू ने कहा, “स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई योजनाएं शुरू की हैं। अगर भारत आत्मनिर्भर बनता है तो अंतरराष्ट्रीय दबावों जैसे ट्रंफ टैरिफ का डर भी खत्म हो जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि “भारत को हर प्लेटफार्म पर मजबूती से खड़ा होना है, और इसके लिए स्वदेशी सबसे बड़ा हथियार है।

इस आयोजन ने सिर्फ संकल्प नहीं दिलाया, बल्कि वास्तविक खरीदारी और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देकर उदाहरण भी पेश किया। गरियाबंद से उठी यह आवाज़ अगर देशभर में गूंजे, तो आत्मनिर्भर भारत कोई सपना नहीं, बल्कि साकार हकीकत बन सकता है।

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