छत्तीसगढ़जुर्मट्रेंडिंगस्लाइडर

Raipur की Steel Factory बनी कब्रगाह ? मजदूरों की चीखों से दहला Godavari Power Plant, चमड़ियां उधड़ीं, हड्डियां टूटीं, पढ़िए 6 लाशों की इनसाइड स्टोरी

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: तारीख 26 सितंबर… दिन शुक्रवार…वक्त दोपहर 3 बजे… जगह रायपुर का सिलतरा। जब गोदावरी पॉवर स्टील फैक्ट्री (Godavari Power Steel Factory) से लाशें बाहर निकलीं तो सन्नाटा टूटकर चीख-पुकार में बदल गया। मजदूरों के जिस्म मलबे से ऐसे बाहर आए जैसे किसी ने उन्हें बेरहमी से कुचल डाला हो, कहीं हड्डियां चटक चुकी थीं, कहीं जली चमड़ी लटक रही थी। फैक्ट्री का फर्श खून और राख से कब्रगाह बन गया।

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: भट्ठी के अंदर मजदूर सफाई कर रहे थे, तभी अचानक ईंटों की दीवार (Godavari Power Steel Factory Raipur) भरभराकर गिरी। कुछ मजदूर वहीं दबकर दम तोड़ बैठे, बाकी जख्मी हालत में कराहते रहे। गर्म लोहे और ईंटों के नीचे से निकल रही दर्दनाक चीखें पूरे प्लांट में गूंज रही थीं। लेकिन जब तक मलबा हटाया गया, तब तक कई ज़िंदगियां खामोश हो चुकी थीं।

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: फैक्ट्री गेट पर मातम का मंज़र और भी भयानक था। जैसे ही शव बाहर आए, परिजन लिपटकर रो पड़े। कोई बेटे की लाश से लिपटा रहा, कोई पति के टूटे जिस्म को पकड़कर चीत्कार करता रहा। रोज़ी-रोटी कमाने आए मजदूरों की जिंदगी उसी फैक्ट्री ने छीन ली। गोदावरी पॉवर मौत का कारखाना (Godavari Power Steel Factory Raipur) साबित हुई। इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़िए दर्द, चीखें और 6 लाशों की कहानी…

कब्रगाह बनी रायपुर की स्टील फैक्ट्री

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: रायपुर के सिलतरा इलाके की निजी स्टील फैक्ट्री शुक्रवार की सुबह मौत का मैदान बन गई। मेंटनेंस के दौरान मजदूर जैसे ही भट्ठी में उतरे, अचानक भारी ईंटों की दीवार भरभराकर ढह गई। देखते ही देखते 12 मजदूर मलबे के नीचे दब गए। फैक्ट्री के अंदर अफरा-तफरी मच गई। किसी को समझ नहीं आया कि चंद सेकंड में यह हादसा कैसे घट गया। धुआं, धूल और गिरती ईंटों की आवाज़ के बीच मजदूरों की चीखें गूंज रही थीं।

कैसे दबे मजदूर

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: भट्ठी के पास खड़े मजदूरों पर दीवार गिरते ही उनका बच निकलना नामुमकिन हो गया। कुछ मजदूरों का शरीर पूरी तरह मलबे के नीचे दब गया तो कुछ आधे दबे रहकर तड़पते रहे। ईंट और लोहे के टुकड़े शरीर में धंस गए। गर्म सतह से झुलसे मजदूर बुरी तरह कराह उठे। वहां मौजूद बाकी लोग उन्हें निकालने दौड़े, लेकिन टूटती-गिरती संरचना ने किसी को पास जाने नहीं दिया।

चीखें गूंजती रहीं

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: फैक्ट्री की दीवारें मजदूरों की चीखों से हिल गईं। “बचाओ…मुझे बाहर निकालो” की गूंज हर तरफ थी। दबे मजदूर अपनी आखिरी सांस तक मदद की उम्मीद कर रहे थे। कुछ देर बाद आवाज़ें धीमी पड़ गईं, फिर खामोशी ने पूरे प्लांट को जकड़ लिया। इस खामोशी का मतलब था कि ज़िंदगी कई मजदूरों का साथ छोड़ चुकी थी।

कैसे निकलीं लाशें

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: रेस्क्यू टीम को मजदूरों तक पहुंचने में वक्त लग गया। जब मलबा हटाया गया तो सबसे पहले धुएं और धूल में सने शव बाहर निकाले गए। किसी का सिर कुचला हुआ था, किसी का शरीर पहचान से बाहर हो गया था। जब स्ट्रेचर पर लाशें बाहर निकाली गईं तो बाहर इंतजार कर रहे परिजन चीत्कार कर उठे। फैक्ट्री का गेट मातम के मैदान में बदल गया।

झुलसे मजदूरों का हाल

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: घायलों को जैसे-तैसे निकालकर एंबुलेंस में डाला गया। उनके कपड़े जले हुए थे, शरीर पर छाले पड़ चुके थे। किसी का हाथ बुरी तरह झुलस गया था, तो किसी की सांसें तेज़ी से चल रही थीं। उन्हें रायपुर के निजी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो मजदूरों की हालत बेहद नाजुक बताई। अस्पताल के कॉरिडोर में परिजनों का दर्दनाक सन्नाटा पसरा था।

लापरवाही की पोल, किनकी मौत, कौन घायल ?

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: पहला बड़ा सवाल यही है कि हादसा आखिर क्यों हुआ? जानकारी के मुताबिक, मेंटनेंस के दौरान मजदूर भट्ठी की सफाई कर रहे थे। उसी दौरान ईंटों की बनी दीवार गिर गई। सवाल उठता है—क्या दीवार कमजोर थी? क्या उसका सही तरीके से निरीक्षण हुआ था? क्या मजदूरों को बिना सुरक्षा इंतज़ाम के खतरनाक हिस्से में उतारा गया? इन सवालों के जवाब अभी तक किसी ने साफ़ नहीं दिए।

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: मरने वालों में निर्मलकर मलिक, नारायण, घनश्याम मनोहर घोरमारे, तुलसीराम धुत्त, कलीगोटला प्रसन्न कुमार, जीएल प्रसन्न कुमार शामिल हैं, जबकि घायलों में मौतू यादव, दीप्तेंद्र, जयप्रकाश वर्मा, पवन कुमार, चंद्रप्रकाश, चकेधर राव का नाम शामिल है. सभी घायलों को इलाज के लिए श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती किया गया है।

सुरक्षा इंतजाम क्यों नदारद?

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: फैक्ट्री के अंदर काम करने वाले मजदूरों के पास कोई मजबूत सुरक्षा किट नहीं थी। न हेलमेट, न बॉडी गार्ड, न आग से बचाने वाले कपड़े। अगर ये इंतजाम होते तो कई मजदूर बच सकते थे। लेकिन निजी फैक्ट्री का मुनाफाखोर रवैया मजदूरों की ज़िंदगी से बड़ा साबित हुआ।

प्रशासन और अफसरों की मौजूदगी

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: हादसे के बाद पुलिस, SDM और प्रशासनिक अफसर फैक्ट्री पहुंचे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ, लेकिन मजदूरों के शव बाहर आने तक माहौल मातमी हो चुका था। नेताओं और अफसरों के बयान इस खून-खराबे के सामने खोखले लग रहे थे। धरसींवा विधायक अनुज शर्मा और उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन मजदूरों के परिजनों की आंखों में सिर्फ़ एक ही सवाल था—क्या इन लापरवाह मालिकों पर सख्ती होगी, या मामला हमेशा की तरह दब जाएगा?

मजदूरों के परिवार का दर्द

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: जो मजदूर मरे, उनमें कई यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से थे। रोज़गार की तलाश में वे घर से दूर आए थे। लेकिन अब उनके परिवारों तक सिर्फ़ उनकी लाशें ही पहुंचेंगी। किसी के बच्चे अनाथ हो जाएंगे, किसी की पत्नी विधवा। यह हादसा सिर्फ़ छह मजदूरों की मौत नहीं है, बल्कि छह परिवारों की रोटियों का सहारा छिनना है।

कंपनी की चुप्पी

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: हादसे के तुरंत बाद कंपनी के अधिकारी सामने आने से बचते रहे। किसी ने मीडिया से बात नहीं की। जब दबाव बढ़ा तो औपचारिक बयान जारी कर दिया गया। लेकिन किसी ने यह स्वीकार नहीं किया कि मजदूरों की मौत लापरवाही से हुई है। फैक्ट्री प्रशासन की यह चुप्पी हादसे से भी ज्यादा खतरनाक है।

हादसे से उठते सवाल

  • क्या फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई?
  • मजदूरों को बिना प्रॉपर गियर के भट्ठी में क्यों उतारा गया?
  • दीवार कमजोर होने की जानकारी पहले से क्यों नहीं मिली?
  • हादसे की जिम्मेदारी कौन लेगा?

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: इन सवालों के जवाब मजदूरों के परिजन तलाश रहे हैं, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन और सरकार की तरफ से अब तक सिर्फ़ औपचारिक बयान आए हैं।

मजदूरों की दुनिया तबाह

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: जिन मजदूरों ने आंखों से हादसा देखा, वे अब भी खौफ में हैं। उन्होंने बताया कि अगर मदद देर से पहुंचती तो और कई जानें चली जातीं। जो बच गए, वे अब इस फैक्ट्री में कदम रखने से डर रहे हैं। मजदूरों की दुनिया पूरी तरह हिल चुकी है।

मौत का कारखाना

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: सिलतरा की यह फैक्ट्री अब मजदूरों के लिए “मौत का कारखाना” बन गई है। काम की जगह कब्रगाह में बदल गई। मजदूरों का भरोसा टूट गया। सवाल यही है कि क्या मजदूर सिर्फ़ सस्ते श्रम की मशीन हैं? या उनकी ज़िंदगी की भी कोई कीमत है?

Inside story Raipur industrial tragedy | Godavari Power Plant | investigation: रायपुर की स्टील फैक्ट्री का यह हादसा सिर्फ़ एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह मजदूरों की सुरक्षा पर सवालिया निशान है। छह मजदूरों की मौत और छह की जिंदगी अस्पताल के बिस्तर पर लटकी हुई है। सरकार ने जांच और कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन मजदूरों के परिजन पूछ रहे हैं—कब तक मजदूर फैक्ट्रियों में मारे जाएंगे और कब तक उनके खून को हादसा बताकर दबाया जाएगा?

रायपुर स्टील फैक्ट्री हादसा और सवाल ?

Q1. रायपुर स्टील फैक्ट्री हादसा कब हुआ?
यह हादसा शुक्रवार सुबह सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में हुआ।

Q2. हादसे में कितने लोगों की मौत हुई?
हादसे में 6 मजदूरों की मौत हो गई और 6 मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए।

Q3. हादसा कैसे हुआ?
भट्ठी में सफाई के दौरान भारी ईंटों की दीवार गिर गई, जिससे मजदूर दब गए।

Q4. मृतक मजदूर कौन-कौन हैं?
निर्मलकर मलिक, नारायण, घनश्याम मनोहर घोरमारे, तुलसीराम धुत्त, कलीगोटला प्रसन्न कुमार और जीएल प्रसन्न कुमार की मौत हुई।

Q5. घायल मजदूरों का इलाज कहां चल रहा है?
सभी घायलों को रायपुर के श्री नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Q6. हादसे की मुख्य वजह क्या मानी जा रही है?
सुरक्षा इंतज़ाम की कमी और निर्माणाधीन हिस्से की कमजोर दीवार गिरना इस हादसे की वजह है।

Q7. क्या फैक्ट्री प्रशासन ने हादसे पर कुछ कहा?
शुरू में फैक्ट्री प्रशासन चुप रहा, बाद में औपचारिक बयान जारी किया लेकिन जिम्मेदारी से बचता रहा।

Q8. सरकार और प्रशासन की क्या प्रतिक्रिया रही?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दुख जताया और घायलों के इलाज के निर्देश दिए। उद्योग मंत्री ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही।

Q9. मजदूर किस राज्य से थे?
मजदूर छत्तीसगढ़, यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे।

Q10. आगे क्या कदम उठाए जाएंगे?
प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और नियम के मुताबिक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

Raipur Godavari Power plant steel factory

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button