भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में जीएसटी सुधार : जगदीश रोहरा

गिरीश जगत, गरियाबंद। केंद्र सरकार ने आयकर में छूट देने के बाद अब जीएसटी सुधार को लागू कर भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम से उद्योग-व्यापार को नई ऊर्जा मिलेगी, गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की बचत में इज़ाफा होगा और देश आर्थिक रूप से और भी सशक्त बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का संकल्प भी इसी सुधार के जरिए साकार होता दिखाई दे रहा है।
ऐतिहासिक संविधान संशोधन का जिक्र
धमतरी नगर निगम अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री जगदीश रोहरा ने गरियाबंद भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आजादी के बाद 101वां संविधान संशोधन ऐतिहासिक साबित हुआ। 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले 17 अलग-अलग कर और 13 तरह के सेंस वसूले जाते थे, लेकिन नए कर ढांचे ने इस जटिल व्यवस्था को समाप्त कर दिया।
रोहरा ने बताया कि ताज़ा सुधार के तहत जीएसटी स्लैब को घटाकर केवल दो स्तर पर ला दिया गया है। इससे उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिला है और वस्तुओं के दाम में कमी देखने को मिल रही है।
कर संग्रह और करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी
उन्होंने बताया कि 2015 में देश में जीएसटी करदाताओं की संख्या 66.50 लाख थी, जो 2025 में बढ़कर लगभग डेढ़ करोड़ तक पहुंच गई है। इसी अवधि में कर संग्रह भी दोगुना हो गया। उन्होंने दावा किया कि इन सुधारों से कृषि, उद्योग और बीमा क्षेत्र को खासा लाभ मिलेगा। हांलाकि कुछ अपवाद स्वरूप वस्तुओं पर 40 प्रतिशत टैक्स बरकरार रखा गया है।
छत्तीसगढ़ को मिला लाभ और विपक्ष पर हमला
रोहरा ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ को आर्थिक प्रोत्साहन के रूप में अब तक 6200 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। पहले राज्यों को राजस्व का 32 प्रतिशत हिस्सा मिलता था, जो बढ़कर अब 42 प्रतिशत कर दिया गया है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य दल जीएसटी सुधारों पर भ्रम फैला रहे हैं और इसे कभी अमेरिका के टैरिफ विवाद से तो कभी चुनावी रणनीति से जोड़कर दुष्प्रचार कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि जीएसटी काउंसिल दो-तिहाई बहुमत से निर्णय लेती है, और इसमें सभी राज्यों की सहमति होती है।
आठ साल बाद बड़ा सुधार संभव
रोहरा ने कहा कि आठ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद आज भारत उस मुकाम पर खड़ा है, जहां बड़े आर्थिक सुधार संभव हो पाए हैं। उनका मानना है कि जीएसटी का यह नया स्वरूप न केवल महंगाई से राहत देगा, बल्कि प्रदेश और देश दोनों के विकास को नई गति प्रदान करेगा।