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जंगल में धधकती आग में जली लाश: गरियाबंद से गायब हुआ युवक, चेहरे को कुचला, बाइक भी जलाई, पढ़िए कत्ल और साजिश की खूनी कहानी

गरियाबंद से गिरीश जगत की रिपोर्ट…

झाड़ियों में पसरी थी सड़ांध… हवा में घुली थी मौत की बू… और बगल में एक अधजली लाश, जिसका चेहरा पहचान से परे था। ओडिशा के नुआपड़ा जिले के गोरला जंगल में गुरुवार देर रात मिली इस लाश ने छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले को झकझोर कर रख दिया।

मरने वाला कोई और नहीं, बल्कि गरियाबंद के देवभोग थाना क्षेत्र के उरमाल गांव निवासी विशाल सोनवानी (35 वर्ष) था, जो बीते कई दिनों से लापता था। विशाल अपने ससुराल मुंगिया गांव में रह रहा था और वहीं से 14 मई को रहस्यमयी ढंग से गायब हो गया था।

झाड़ियों में पड़ी थी लाश, चेहरे को कुचलने की थी कोशिश

ओडिशा के सिनापाली थाना क्षेत्र के गोरला जंगल में ग्रामीणों को झाड़ियों से उठती बदबू ने चौंकाया। पास जाकर देखा तो वहां एक अधजला शव पड़ा था। शव के पास ही एक जली हुई बाइक भी मिली।

लाश को देखकर अंदेशा है कि पहले चेहरे को बेरहमी से कुचला गया, फिर शव और बाइक को आग के हवाले कर दिया गया, ताकि पहचान मिटाई जा सके।

दो राज्यों की पुलिस जुटी जांच में

सूचना मिलते ही सिनापाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। पहचान के लिए आसपास के थानों से संपर्क किया गया, तब जाकर खुलासा हुआ कि यह शव गरियाबंद के विशाल सोनवानी का है, जिसकी गुमशुदगी रिपोर्ट 16 मई को देवभोग थाने में दर्ज कराई गई थी।

अब इस रहस्यमयी हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए छत्तीसगढ़ और ओडिशा की पुलिस संयुक्त रूप से जांच में जुट गई है।

मनिहारी का फेरीवाला था विशाल, ससुराल में रह रहा था

विशाल सोनवानी पेशे से मनिहारी फेरीवाला था। वह बीते कुछ समय से अपने ससुराल मुंगिया गांव में रह रहा था। 14 मई की सुबह वह निकला, लेकिन फिर लौटकर नहीं आया। परिजनों ने तलाश की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला तो 16 मई को देवभोग थाने में गुम इंसान की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

हत्या या कोई और साज़िश?

देवभोग थाना प्रभारी फैजुल होदा शाह ने बताया कि सिनापाली पुलिस ने हत्या की आशंका जताई है। हमने ओडिशा पुलिस के साथ समन्वय किया है। परिजनों से भी विस्तृत पूछताछ की जाएगी,।

जांच में उठ रहे हैं कई सवाल

क्या यह कोई निजी रंजिश का मामला है?

क्या फेरी के दौरान किसी से दुश्मनी हो गई थी?

क्या ससुराल पक्ष की भूमिका संदिग्ध है?

वारदात ने न सिर्फ दो राज्यों की पुलिस को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में फैली असुरक्षा और सीमावर्ती इलाकों में अपराधियों की निर्भीकता पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जवाब अभी बाकी हैं… पर डर और सन्नाटा बहुत कुछ कह रहा है।

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