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रेस्टोरेंट में नहीं मिली जगह, मंत्री हुए नाराज: एमपी में रेस्टोरेंट में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम बुलाई गई, अब मंत्री को बर्खास्त करने की उठी मांग

MP Gwalior Minister of State Narendra Shivaji Patel is angry at the restaurant: लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ग्वालियर के एक रेस्टोरेंट में उस समय नाराज हो गए, जब उन्हें टेबल नहीं मिली। उन्होंने तुरंत खाद्य विभाग के कर्मचारियों को बुलाया और कहा कि होटल गंदा है। टीम ने आधी रात तक होटल की रसोई में खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए।

भाजपा जिला अध्यक्ष जयप्रकाश राजोरिया, मीडिया प्रभारी और पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद होटल वालों को अपनी गलती का एहसास हुआ। मंत्री को टेबल मिली और मामला शांत हुआ।

यह घटना रविवार रात पटेल नगर स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट में हुई

कांग्रेस ने एक्स पर लिखा- भाजपा सरकार के मंत्री सत्ता के नशे में चूर हैं। दूसरी ओर भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले की रिपोर्ट मांगी है।

होटल स्टाफ ने इंतजार करने को कहा

मंत्री पटेल विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी के रिसेप्शन में ग्वालियर आए थे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वे अपने परिवार के साथ क्वालिटी रेस्टोरेंट पहुंचे। पटेल कुर्ता पायजामा में नहीं बल्कि फॉर्मल ड्रेस में थे। होटल स्टाफ उन्हें पहचान नहीं सका। रविवार होने के कारण होटल में काफी भीड़ थी। सभी टेबल पहले से बुक थीं, जिसके कारण मंत्री को सीट नहीं मिल पाई। एक तो स्टाफ ने उन्हें पहचाना नहीं और दूसरे उन्होंने इंतजार करने को कहा।

इस पर मंत्री भड़क गए और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को बुला लिया। टीम के रेस्टोरेंट पहुंचते ही मंत्री ने सैंपलिंग के लिए कहा। रात करीब 11:15 बजे तक तेल, पनीर और मावा के 5 सैंपल लिए गए। इसके बाद होटल स्टाफ माफी मांगने लगा। यह होटल भी एक भाजपा नेता का बताया जा रहा है।

होटल संचालक का आरोप- पीएसओ ने धक्का दिया

होटल संचालक कमल अरोड़ा ने बताया- खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) लोकेंद्र सिंह ने फोन कर कहा कि मंत्री खाना खाने आ रहे हैं। 5 लोगों के लिए टेबल बुक कर लो। इसके तुरंत बाद दूसरे एफएसओ बुंदेला ने फोन कर कहा- 10 लोगों के लिए टेबल बुक कर लो। कुछ लोग आए और टेबल के बारे में पूछा तो स्टाफ ने पूछा- लोकेंद्र या बुंदेला… किसकी तरफ से हो। इस पर मंत्री ने गाली-गलौज शुरू कर दी। उनके साथ मौजूद पीएसओ और समर्थकों ने कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की।

व्यापारियों ने कहा- मंत्री की बर्खास्तगी की मांग उठाएंगे

विवाद के बाद चैंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। पुलिस अफसरों से बात की। चैंबर अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा- यह सरासर तानाशाही और गुंडागर्दी है। हम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच और मंत्री पटेल को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।

मंत्री ने कहा- मैं निरीक्षण करने गया था, कर्मचारियों ने बदसलूकी की

मामले पर मंत्री पटेल ने कहा- मैं जब ग्वालियर आया था, तो मैंने अस्पताल, एंबुलेंस आदि का निरीक्षण कर कार्रवाई की थी। इसी क्रम में मैं जांच के लिए क्वालिटी रेस्टोरेंट गया था। वहां कर्मचारियों ने बदसलूकी की। जब मंत्री के साथ इतना अभद्र व्यवहार कर दबाव बनाने का काम किया जा रहा है, तो अफसरों और कर्मचारियों के साथ क्या करेंगे।

कांग्रेस ने कहा- सीएम को पटेल को इंस्पेक्टर बना देना चाहिए

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को इंस्पेक्टर बना देना चाहिए। वे मंत्री बनने लायक नहीं हैं। कभी रेत चेक करने चले जाते हैं, कभी ग्वालियर में एंबुलेंस चेक करते हैं। ऐसे में वे अच्छे जांच अधिकारी हो सकते हैं।

सांसद ने कहा- संगठन मामले को देखेगा

नर्मदापुरम सांसद दर्शन चौधरी ने कहा- यह पार्टी का मामला है, संगठन इस पर गौर करेगा। इसके अलावा हमारी पार्टी में हर कार्यकर्ता पूरी निष्ठा से काम करता है। हमारे जनप्रतिनिधि भी अच्छा काम करते हैं।

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