बिलासपुर : बिलासपुर में नशे का काला कारोबार चरम पर है. नशीली दवा की तस्करी मामले में पुलिस ने तीन नाबालिग समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है. आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में नशीली दवा जब्त की गई है. यह नशीली दवा ट्रांसपोर्ट के जरिए MP के कटनी और शहडोल से लाकर छत्तीसगढ़ में खपाई जा रही है.
एएसपी उमेश कश्यप ने बताया कि शहर के मिनी बस्ती में लंबे समय से नशे के व्यापार के संचालन की सूचना पुलिस को मिल गई थी. सूचना के बाद एंटी क्राइम यूनिट और सिविल लाइन पुलिस की टीम ने संयुक्त छापामार कार्रवाई की.
करवाई के दौरान मिनी बस्ती से दो नाबालिगों के पास से सैकड़ों की संख्या में इंजेक्शन और प्रतिबंधित टेबलेट बरामद किए गए. इसके अलावा पुलिस के चंदेला नगर में की गई. पुलिस ने नाबालिग समेत दो आरोपियों को हजारों इंजेक्शन और प्रतिबंधित टेबलेट तथा सिरप के साथ गिरफ्तार किया है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के परिवार वाले भी नशे के व्यापार में सम्मिलित रहे हैं. इसी के चलते वे अब तक एनडीपीएस के तहत जेल में बंद हैं.
पुलिस ने बताया कि जिन अवैध नशीले टेबलेट और इंजेक्शन का धंधा आरोपियों द्वारा किया जा रहा था. उनकी बाजार में कीमत ढाई लाख से अधिक आंकी जा रही है. आरोपी के परिवार वाले लंबे समय से नशे का काला कारोबार कर रहे हैं. अब उनके बच्चे इस धंधे में उतर गए हैं.
मिनी बस्ती से ही शहर में पहुंचता है नशे का सामान
कई सालों से लगातार नशे का सामान शहर में पकड़ा जा रहा है, लेकिन नशे का सामान बेचने वाले जितने भी आरोपी पकड़े गए हैं, उनमें से 90 फीसद आरोपी जरहाभाटा के मिनी बस्ती के रहने वाले हैं. पुलिस को मालूम है कि नशे का सामान ज्यादातर जरहाभाटा के मिनी बस्ती से ही शहर में सप्लाई की जाती है, लेकिन पुलिस ठोस कार्रवाई करने की बजाय खानापूर्ति की कार्रवाई करती है.
पुलिस छोटी-छोटी करवाई कर अपनी पीठ थपथपा लेती है. पुलिस चाहे तो बड़े पैमाने पर टीम बनाकर मिनी बस्ती के उन घरों को निशाना बना सकती है, जहां पर नशे का कारोबार फल-फूल रहा है. पुलिस जानबूझकर ऐसा नहीं करती.
read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001