छत्तीसगढ़

7 महीने बाद जेल से रिहा हुए विधायक देवेंद्र यादव: जन्मदिन के दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, भीम-आर्मी प्रदेश अध्यक्ष समेत 112 लोगों को भी बेल

Balodabazar violence case MLA Devendra Yadav released from jail after 7 months: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव 7 महीने बाद जेल से रिहा हो गए हैं। देवेंद्र को उनके जन्मदिन के दूसरे दिन यानी 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। वे 17 अगस्त 2024 यानी 188 दिनों से जेल में थे। रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर बड़ी संख्या में यादव के समर्थक पहुंच गए हैं।

देवेंद्र जेल से सीधे भिलाई के खुर्सीपार में स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां बलौदाबाजार हिंसा मामले में जमानत पर रिहा हुए सतनामी समाज के लोग, यादव समाज के लोग भी मौजूद रहेंगे। वहीं, भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चतुर्वेदी समेत 112 लोगों को भी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।

जानिए क्या था मामला

10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में कलेक्टर और एसपी ऑफिस को आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर भीड़ को उकसाने और आंदोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया गया था।

देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दी?

विधायक देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में कहा कि बलौदाबाजार हिंसा की घटना वाले दिन वे सिर्फ बैठक में शामिल हुए थे, लेकिन वे मंच पर नहीं गए, उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने भीड़ को उकसाया होगा।

कार्यक्रम में शामिल होने और वापस लौटने का समय हिंसक घटना के समय से बिल्कुल अलग है। देवेंद्र यादव उस जगह मौजूद नहीं थे, जहां हिंसक घटना हुई। उन्हें भिलाई स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया, जो घटना स्थल से कई किलोमीटर दूर है। पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत और राजनीति से प्रेरित है।

बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन-

15 मई को सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किलोमीटर दूर मनकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में स्थापित धार्मिक प्रतीक जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और स्थानीय स्तर पर लगातार विरोध प्रदर्शन हुए।

19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार से 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि ठेकेदार नल-जल योजना के काम का पैसा नहीं दे रहा था। इसलिए आरोपियों ने शराब के नशे में तोड़फोड़ की, लेकिन समाज के लोग इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे।

इसी बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान लोग अचानक हिंसक हो गए और हंगामा बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी कार्यालय में आग लगा दी गई। कई वाहन जला दिए गए। इसके बाद कई जनप्रतिनिधियों समेत करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

प्रदर्शन का एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल नजर आए। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे थे। इसके बाद 17 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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