Hearing On Places Of Worship Act: पूजा स्थल कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की याचिका समेत लगी 7 याचिकाएं
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Hearing On Places Of Worship Act: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को पूजा स्थल अधिनियम से जुड़ी 7 याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर सहमति जताई थी। उनकी याचिका को पहले से लंबित 6 याचिकाओं के साथ जोड़ दिया गया है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट 7 याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
Hearing On Places Of Worship Act: ओवैसी ने याचिका में पूजा स्थल अधिनियम 1991 को लागू करने की मांग की है। कानून के मुताबिक 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता।
Hearing On Places Of Worship Act: पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 की 6 धाराओं की वैधता पर दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने 12 दिसंबर 2024 को की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- सभी अदालतें अपने हाथ रोक लें
Hearing On Places Of Worship Act: पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 की कुछ धाराओं की वैधता पर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय पीठ ने 12 दिसंबर को सुनवाई की थी।
Hearing On Places Of Worship Act: पीठ ने कहा था, ‘हम इस कानून के दायरे, इसकी शक्तियों और ढांचे की जांच कर रहे हैं। ऐसे में यह उचित होगा कि अन्य सभी अदालतें अपने हाथ रोक लें।’
Hearing On Places Of Worship Act: सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- हमारे सामने 2 मामले हैं, मथुरा का शाही ईदगाह और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद। तब कोर्ट को बताया गया कि देश में ऐसे 18 से ज्यादा मामले लंबित हैं।
Hearing On Places Of Worship Act: इनमें से 10 मस्जिदों से जुड़े हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 4 हफ्ते में याचिकाओं पर अपना पक्ष रखने को कहा।
सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- जब तक केंद्र जवाब दाखिल नहीं करता, हम सुनवाई नहीं कर सकते। हमारे अगले आदेश तक इस तरह का कोई नया मामला दाखिल नहीं किया जाना चाहिए।
याचिका के पक्ष और विपक्ष में दलीलें
हिंदू पक्ष
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, सुब्रमण्यम स्वामी, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, काशी की राजकुमारी कृष्ण प्रिया, धर्मगुरु स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी अनिल कबोत्रा, अधिवक्ता चंद्रशेखर, रुद्र विक्रम सिंह, वाराणसी के अलावा कुछ अन्य लोगों ने याचिका दायर की है। इन लोगों ने मांग की है कि पूजा स्थल अधिनियम-1991 को असंवैधानिक घोषित किया जाए।
मुस्लिम पक्ष
जमीयत उलमा-ए-हिंद, इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी, आरजेडी सांसद मनोज झा और असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले में याचिका दायर की है। जमीयत का तर्क है कि अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर विचार करने से देश भर में मस्जिदों के खिलाफ मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी।
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