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CG में जहरीली शराब से लाशों का ढेर: एक ही दिन जली 9 में से 4 चिताएं, पत्नी बोली-सोए तो उठे ही नहीं, बेटी बोली-खून की उल्टियां, काला पड़ा शरीर

Bilaspur Villagers Death Mystery; Liquor Or Food Poisoning | CG News: “मेरे पति कुंभ से घर लौटे थे। बुधवार की रात शराब पीकर सोए, तो दुबारा उठे नहीं। खाना खाने के लिए उठाती रह गई। 2 बेटियां हैं। बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। अनाथ (Bilaspur Villagers Death Mystery) हो गए। घर में कमाने वाला कोई नहीं है। बच्चों का भविष्य अंधेरे में है। कैसे घर चलेगा।”

Bilaspur Villagers Death Mystery; Liquor Or Food Poisoning | CG News: ये बातें बिलासपुर के लोफंदी गांव के 36 वर्षीय मृतक (Liquor Or Food Poisoning)  कोमल देवांगन की पत्नी लता ने कही है, जिसके पति जहरीली शराब के शिकार हो गए। शराब कांड (Bilaspur Villagers Death Mystery) में 2 सगे भाइयों समेत 9 लोगों की भी जान गई है। रविवार को सिम्स में इलाज के दौरान पवन कौशिक (32) ने भी दम तोड़ दिया।

Bilaspur Villagers Death Mystery; Liquor Or Food Poisoning | CG News: 7 मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन लोफंदी गांव पहुंचा। सिर्फ 1 का पोस्टमॉर्टम (Chhattisgarh) हुआ है, जबकि 6 लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 3 लोग अब भी अस्पताल (Bilaspur Villagers Death Case) में हैं। हालांकि प्रशासन का दावा है सभी मौतें अलग-अलग वजहों से हुई हैं। ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़िए जहरीली शराबकांड से कैसे बिछी गांव में लाशें?

अब जानिए कैसे पहुंची शराब और होने लगी मौतें ?

दरअसल, 5 फरवरी को लोफंदी गांव का कोमल लहरे गनियारी से महुआ शराब लेकर आया था। इसने गांव में कई लोगों को बेची। शराब को पीने वालों में कोमल देवांगन भी था। कोमल की पत्नी ने बताया कि शराब पीते ही तबीयत बिगड़ने लगी थी। वह घर में इकलौते कमाने वाले थे।

पत्नी ने बताया कि वह शराब पीने के आदी थे, लेकिन क्या पता था कि शराब पीने से उनकी मौत हो जाएगी। कोमल बिलासपुर में कपड़ा दुकान में काम कर पत्नी लता और दो मासूम बेटों का भरण-पोषण करता था।

बेटी बोली- पापा को बचाने का मौका ही नहीं मिला

मृतक रामू सुनहले की बेटी पूर्णिमा ने बताया कि मंगलवार की शाम को पापा शराब पिए थे। थोड़ा ज्यादा पी लिए थे। तब शुरुआत में कुछ नहीं हुआ था, लेकिन चार दिन बाद दिनभर उल्टी करने लगे। खून को जमा देने वाला केमिकल निकला।

पूर्णिमा ने बताया कि तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर गुरुवार को उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन वहां पहुंचते तक धड़कने बंद हो गई। हमें कुछ समझ ही नहीं आया कि करना क्या है, उन्हें बचाने का मौका ही नहीं मिला। इसी तरह अस्पताल में चार-पांच लोग बीमार हैं।

अस्पताल पहुंचते ही चली गई कोमल की जान

गांव के कोमल लहरे पिता दयाराम (50) मजदूरी करता था। उसकी पत्नी पंचमती ने बताया कि गुरुवार की सुबह उसकी तबीयत बिगड़ी, तब उसे सिम्स अस्पताल लेकर गए, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया।

महुआ शराब इसी ने मंगाई थी, जिसे उसने गांव के लोगों को बेचा। साथ ही खुद शराब पी थी। शराब पीने के बाद लोगों को पेट में दर्द और अन्य परेशानियां होने लगी थी।

पत्नी और बेटों ने छोड़ा, भतीजे ने किया अंतिम संस्कार

शराब पीने से मरने वाले शत्रुहन देवांगन (45) की 20 साल पहले शादी हुई थी। उसकी पत्नी और 4 बच्चे हैं। पत्नी से विवाद होने के बाद उसका तलाक हो गया है। पत्नी अपनी बेटों के साथ बिलासपुर में रहती है। वहीं, शत्रुहन गांव में अकेले रहता था।

2 भाइयों की चली गई जान, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल

गांव के ही कन्हैया पिता चैतराम (60) राजमिस्त्री का काम करता था। बुधवार को उसने भी गांव में शराब लेकर पिया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। गुरुवार को हालत गंभीर होने पर परिजन उसे लेकर सेंदरी अस्पताल लेकर गए।

बिलासपुर भेज दिया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। शाम को उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया। कन्हैया की 6 बेटियां और एक बेटा है। उसकी मौत के बाद अब उसकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि अब उसका घर कैसे चलेगा।

देवप्रसाद पटेल की 4 दिन पहले गई जान

4 दिन पहले ही कन्हैया के भाई देवप्रसाद पटेल (50) की मौत हो गई थी। वह खेती-किसानी करता था। हालांकि, पुलिस और परिजन का कहना है कि शराब पीने से नहीं, बल्कि सांप काटने से उसकी हालत गंभीर हो गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए सिम्स लेकर गए थे। सिम्स चौकी पुलिस ने उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराया है।

खेत में कर रहा था काम, घर आया तो हो गया अचेत

गांव के मृतक बलदेव पटेल पिता छेदीलाल पटेल (55) पेशे से किसान था। गुरुवार को दोपहर वो खेत में काम करने गया था। घर लौटने पर अपनी पत्नी से बोला कि तबीयत खराब लग रहा है। आंख में धुंधलापन लग रहा है, जिसके बाद उल्टी करने लगा।

उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर गए। दो दिन पहले उसने शराब पिया था। उसके बाद से तबीयत खराब होने लगा था। बलदेव की पत्नी और तीन बच्चे हैं, जिसमें एक बेटी की शादी हो चुकी है। घर में एक बेटी और बेटा है।

अस्पताल में भर्ती मरीज बोला- शराब पीने से बिगड़ी तबीयत

सिम्स में भर्ती राजकुमार पटेल ने बताया कि शराब पीने के बाद से उसकी तबीयत बिगड़ी थी। उसके बाद पेट में दर्द और अन्य समस्याएं हुई। इसी वजह से परिजनों ने उसे सिम्स में भर्ती कराया है। गांव में कच्ची शराब की बिक्री होती है, जिसे पीने के बाद ही लोग बीमार हुए हैं और उनकी मौत होने लगी।

हेल्थ कैंप लगाया, 1,598 का सर्वे, एक मिला बीमार

इस घटना के बाद फूड प्वाइजनिंग की आशंका से कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने भी गांव में सर्वे कराया। इसके साथ ही हेल्थ कैंप भी लगाया। इस दौरान 1 हजार 598 लोगों की जांच की गई है। इनमें से ज्यादातर लोग विवाह समारोह में शामिल हुए थे और भोजन ग्रहण किए थे।

महज एक को छोड़कर कोई भी बीमार व किसी भी प्रकार की शारीरिक शिकायत होने की जानकारी नहीं की है। केवल एक ने पेट दर्द और कमजोरी लगने की बात कही, जिसका इलाज कराया जा रहा है।

कांग्रेस नेताओं ने मचाया हंगामा, कुर्सी छोड़कर चले गए अफसर

जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी सहित कांग्रेस नेताओं ने गांव में मौजूद ज़िला पंचायत सीईओ और एसडीएम सहित अधिकारियों के सामने मृतकों के परिवार का पक्ष रखा। इस दौरान अफसर उनके सवालों का जवाब देने से बचते रहे, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने जमकर हंगामा मचाया।

इस दौरान विजय केशरवानी समेत अन्य नेता अधिकारियों के सामने जमीन पर बैठ गए, जिसके बाद अधिकारी कुर्सी छोड़कर गांव की तरफ चले गए। इस दौरान विजय केशरवानी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार पर जहरीली शराब बेच रही है। शहर से लेकर गांव तक सरकारी शराब दुकानों का संचालन किया जा रहा है।

जिलाध्यक्ष केशरवानी ने उठाया पढ़ाई का जिम्मा

इस दौरान कोमल लहरे की पत्नी और बच्चों की हालत देखकर जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी। कोमल की बेटी की पढ़ाई का खर्च देने की जिम्मेदारी ली। वह पवित्रा की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाएंगे।

SP ने जांच के लिए बनाई 6 सदस्यीय टीम

एसपी रजनेश सिंह ने मृतक रामू सुनहले सहित गांव में लोगों की हुई मौतों की जांच के लिए एक टीम गठित की है। एसपी ने उन्हें हर सप्ताह जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। टीम में कोतवाली सीएसपी और प्रशिक्षु IPS अक्षय प्रमोद साबद्रा शामिल हैं।

इनके साथ ही कोनी TI नवीन देवांगन, एएसआई अशोक चौरसिया, ASI सुरेन्द्र तिवारी, हेड कॉन्स्टेबल जैतराम कश्यप, कॉन्स्टेबल टंकेश साहू को शामिल किया गया है।

कैसे शराब बन जाती है जहरीली?

दरअसल कच्ची शराब को जब ज्यादा नशीला बनाने के लिए केमिकल मिलाते हैं तो ये जहरीली हो जाती है। देसी शराब बनाने के लिए पहले गुड़, शीरा से लहान तैयार करते हैं और फिर इस मिट्टी में दबा दिया जाता है। इसे ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया, बेसरमबेल और ऑक्सीटोसिन मिलाते हैं। यही मिलावट मौत का कारण बनती है।

क्यों देसी शराब पीने से हो जाती है मौत?

देसी शराब में अमोनियम नाइट्रेट (यूरिया) और ऑक्सीटोसिन मिलाने से मेथेनॉल (मिथाइल एल्कोहल) बन जाता है। यही बाद में मौत का कारण बनता है। मेथेनॉल की अधिकता से शराब टॉक्सिक बन जाती है। इसके बाद मेथेनॉल जब शरीर में मेटाबोलाइज होता है तो वो फार्मेल्डिहाइड बनाता है।

इसके बाद में फॉर्मिक एसिड बन जाता है, जो कि जहर है। इसके शरीर में जाते ही ब्रेन और आंख सबसे पहले प्रभावित होती हैं। इसके बाद बॉडी के दूसरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की मौत हो जाती है।

 

ऑक्सीटोसिन से नपुंसकता का खतरा

देसी शराब को ज्यादा नशीला बनाने के लिए ऑक्सीटोसिन भी मिलाया जाता है। स्टडी में पता चला है कि ऑक्सीटोसिन से नपुंसकता और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियाें का खतरा रहता है। ऑक्सीटोसिन के सेवन से आंखों और पेट में जलन होती है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

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