Online Game Love Story; Korba Youth West Bengal Girl Marriage: कोरबा का एक युवक और पश्चिम बंगाल की एक युवती ऑनलाइन गेम के जरिए दोस्त बने और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। बाद में दोनों ने शादी कर ली। लेकिन, कुछ समय में युवती ने युवक के साथ रहने का मन बदल लिया और वह अपनी मां के साथ चली गई।
Online Game Love Story; Korba Youth West Bengal Girl Marriage: इधर, युवक ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। यह याचिका उस व्यक्ति को रिहा कराने के लिए दायर की जाती है, जिसे अवैध हिरासत में रखा जाता है।
Online Game Love Story; Korba Youth West Bengal Girl Marriage: जब मामले की सुनवाई हुई तो युवती ने कहा कि अपने माता-पिता के साथ रहना अवैध हिरासत नहीं है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल ने युवक की याचिका खारिज कर दी है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, कोरबा का रहने वाला शंकर गवेल पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की एक युवती के साथ ऑनलाइन गेम खेलता था। साल 2023 में दोनों की जान-पहचान हुई। जिसके बाद दोनों चैट पर एक दूसरे से बात करने लगे।
Online Game Love Story; Korba Youth West Bengal Girl Marriage: उस वक्त युवती नाबालिग थी। कुछ समय बाद दोनों में दोस्ती हो गई। फिर दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। जिसके बाद उन्होंने बालिग होने पर शादी करने का फैसला किया।
युवक ने मंदिर में युवती से शादी की
नवंबर 2024 में युवती ने युवक को बताया कि उसके माता-पिता उसकी मर्जी के खिलाफ उसकी शादी करने के लिए दबाव बना रहे हैं। उसने युवक से शादी करने की बात कही। साथ ही उसे अपने साथ ले जाने को कहा। इस पर युवक 26 नवंबर को इस्लामपुर पहुंचा, जहां युवती की उससे मुलाकात हुई। जिसके बाद युवती उसके साथ कोरबा आ गई।
इसी बीच 7 दिसंबर को कोरबा के सर्वमंगला मंदिर में युवक ने युवती को सिंदूर लगाया, मंगलसूत्र और माला पहनाई और शादी कर ली। दोनों बालिग थे और अपनी मर्जी से शादी की थी। इसके बाद दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे।
मां ने दर्ज कराया मामला, थाने से युवती उसके साथ चली गई
कोरबा में शादी करने के बाद दोनों कुछ समय तक साथ रहे। बाद में 4 जनवरी को युवती की मां ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस युवती की तलाश में कोरबा पहुंची।
इधर कोरबा पुलिस ने लड़की के साथ शंकर और उसकी मां को भी थाने बुलाया। वहां पता चला कि लड़की के माता-पिता ने पश्चिम बंगाल में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस दौरान लड़की ने अपने चाचा से बात की और कहा कि वह उनके साथ जाना चाहती है। फिर 8 जनवरी को लड़की के पिता ने शंकर को फोन किया।
फोन पर लड़की ने स्वीकार किया कि उन्होंने शादी कर ली है। लेकिन, अब उसके पिता नहीं चाहते कि वह उनके साथ रहे। पत्नी के जाने से परेशान होकर पति ने दायर की याचिका इस बीच शंकर अपनी पत्नी के जाने से परेशान रहने लगा। उसे शक था कि लड़की के माता-पिता ने उसे जबरन रोका है।
इसलिए परेशान होकर उसने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। इसमें उसने बताया कि उसकी पत्नी बालिग है। उसने अपनी मर्जी से शादी की है। लेकिन, उसके माता-पिता ने उसे जबरन बंधक बना रखा है।
साथ ही, उसकी मर्जी के खिलाफ उसे शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। याचिका में युवक ने लड़की के जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी भी पेश की, जिसमें उसके बालिग होने का प्रमाण दिया गया है।
हाईकोर्ट ने कहा- माता-पिता के साथ रहना अवैध हिरासत नहीं
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की खंडपीठ में हुई। इस दौरान बताया गया कि युवती अपनी मर्जी से माता-पिता के साथ रह रही है। उस पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला गया है।
युवती ने खुद स्वीकार किया है कि वह अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती है। इसलिए दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि युवती अपने माता-पिता के साथ रह रही है, जिसे अवैध हिरासत नहीं माना जा सकता।
कोर्ट ने यह भी कहा कि युवती ने उसे याचिका दायर करने का अधिकार भी नहीं दिया है। इसी आधार पर खंडपीठ ने युवक की याचिका खारिज कर दी है।
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