
Chhattisgarh Custom Milling Scam Inside Story: छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को विशेष न्यायालय में 3500 पन्नों का चालान पेश किया।
Chhattisgarh Custom Milling Scam Inside Story: इस चालान में घोटाले के मुख्य आरोपी और मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी, राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर समेत अन्य के नाम शामिल हैं।
Chhattisgarh Custom Milling Scam Inside Story: इस मामले में अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी। दोनों आरोपी न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं।
Chhattisgarh Custom Milling Scam Inside Story: चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि मार्कफेड के अधिकारी चावल मिलर्स से उनके बिल पास करने के एवज में रिश्वत लेते थे। सोनी और रोशन ने मिलकर 140 करोड़ रुपए कमीशन लिया है।
Chhattisgarh Custom Milling Scam Inside Story: चावल मिलर्स को फायदा पहुंचाने के लिए कस्टम मिलिंग की राशि 40 रुपए से बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई। इसके तुरंत बाद सरकार ने मिलर्स को 500 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया। रिश्वत की रकम नीचे से ऊपर तक बांटी गई।
चार्जशीट में कहा गया है कि कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने राइस मिलर्स को कमीशन वसूलने की जिम्मेदारी दी थी। वसूला गया पैसा सीधे उनके पास आता था। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन ने एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर 20 रुपए प्रति क्विंटल की रिश्वत ली।
यह मार्कफेड के जिला अधिकारी को दी गई, जिसे उच्च अधिकारियों को भेजा गया। एमडी ने रिश्वत देने वाले राइस मिलर्स के बिलों का तुरंत भुगतान कर दिया। शराब प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए भी वसूली मनोज सोनी ने 33 जिलों से वसूली का जिम्मा कारोबारी अनवर ढेबर को दिया था।
अनवर ने इस काम की जिम्मेदारी शराब दुकानों के लिए प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले सिद्धार्थ सिंघानिया को दी। सिद्धार्थ ने शराब दुकान के कर्मचारियों के जरिए राइस मिलर्स से कमीशन वसूला और पैसे रायपुर भेजे। वह पैसे एक रिटायर्ड सीनियर आईएएस के जरिए मनोज और रामगोपाल तक पहुंचे।
ईओडब्ल्यू उनकी भूमिका की भी जांच कर रही है। रिश्वत लेकर कश्मीर दौरा ईओडब्ल्यू ने खुलासा किया है कि 2021-2022 में कस्टम मिलिंग में घोटाला हुआ था। कमीशन के पैसे से सोनी और रोशन का परिवार कई बार टूर पर गया। इसमें कश्मीर टूर भी शामिल था।
Chhattisgarh Custom Milling Scam Inside Story: टिकट से लेकर ठहरने तक की व्यवस्था रोशन ने की थी। दोनों ने कई जगहों पर प्रॉपर्टी में निवेश किया है। ईओडब्ल्यू को प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं। मनोज ने वसूली से 15.44 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की है।
इनके खिलाफ भी जांच
ईओडब्ल्यू राइस मिलर कैलाश रूंगटा, पारसमल चोपड़ा, जिला विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा समेत अन्य की भूमिका की जांच कर रही है। छापेमारी में इनके जरिए कमीशन वसूली के पुख्ता सबूत मिले हैं।
Chhattisgarh Custom Milling Scam Inside Story: ज्यादातर राइस मिलरों ने इनके नाम बताए हैं। ईओडब्ल्यू का दावा है कि इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
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