महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत, 90 घायल: जानिए कैसे हुआ हादसा, मरने वाले किस-किस राज्य से हैं

Uttar Pradesh Maha Kumbh stampede 30 people died update: प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर मंगलवार और बुधवार की मध्य रात्रि में मची भगदड़ में 35 से 40 लोगों की मौत की आशंका है। हादसे के 17 घंटे बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 लोगों की मौत की पुष्टि की है। शाम 6.30 बजे मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि, भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। 90 लोग घायल हैं। 25 शवों की पहचान हो गई है। उन्होंने बताया कि भगदड़ में मरने वालों में यूपी के सबसे ज्यादा 19 श्रद्धालु हैं, जिनमें कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के 1-1 श्रद्धालु शामिल हैं। उन्होंने बताया- घाट पर कुछ बैरिकेडिंग टूट गई थी, जिसकी वजह से कुछ लोग जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालुओं पर चढ़ गए।
इसके बाद अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि मेले में कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया- महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को वापस भेजने का काम किया जा रहा है। अब सवाल मत पूछिए। वहीं सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। जब हादसा हुआ, उस समय लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान का इंतजार कर रहे थे।
भगदड़ के 2 संभावित कारण
अमृत स्नान के कारण अधिकांश पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर लाखों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान कुछ लोग बैरिकेडिंग में फंसकर गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई।
संगम नोज पर प्रवेश और निकास के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची, तो बचने का कोई मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते रहे।
दिनभर के बड़े अपडेट
भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में प्रवेश के 8 रास्ते- भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं।
पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। सभी वाहनों के पास निरस्त कर दिए गए हैं। यानी मेले में एक भी वाहन नहीं चलेगा।
सड़क को वन-वे कर दिया गया है। एक रास्ते से आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है।
शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यह व्यवस्था मेला क्षेत्र में 4 फरवरी तक लागू रहेगी।
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, ‘श्रद्धालुओं को जहां जगह मिले वहीं स्नान करना चाहिए। जहां इतनी भीड़, इतना बड़ा प्रबंधन, ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं हो जाती हैं।
प्रशासन के मुताबिक, बुधवार देर रात तक संगम समेत 44 घाटों पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
मोदी, योगी ने जताई संवेदना, राहुल बोले- इंतजाम नाकाफी
घटना के बाद पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि, मैं उत्तर प्रदेश सरकार के लगातार संपर्क में हूं। आज करोड़ों श्रद्धालु वहां पहुंचे हैं, कुछ देर के लिए स्नान प्रक्रिया बाधित हुई, लेकिन अब लोग कई घंटों से सुचारू रूप से स्नान कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा- श्रद्धालु सिर्फ संगम पर स्नान के बारे में न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, उन्हें जहां हैं वहीं पर स्नान करना चाहिए।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भगदड़ वीआईपी कल्चर और सरकारी कुप्रबंधन के कारण हुई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
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