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NET UGC Draft Guidelines 2025: अब बिना NET के असिस्‍टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे, वाइस चांसलर पद के लिए टीचिंग एक्‍सपीरिएंस की जरूरत नहीं

NET UGC Draft Guidelines 2025: अब उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षा संस्थानों यानी HEI में फैकल्टी भर्ती और प्रमोशन के लिए UGC की ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अब विषय में नेट क्वालिफाइड होना जरूरी नहीं होगा।

NET UGC Draft Guidelines 2025: यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट और स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक और सुझाव लेने के बाद इन गाइडलाइन को लागू किया जाएगा। यूजीसी 5 फरवरी के बाद गाइडलाइन को लागू कर सकता है।

NET UGC Draft Guidelines 2025: वर्तमान में लागू यूजीसी गाइडलाइन 2018 के मुताबिक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अभ्यर्थी का उसी विषय में नेट क्वालिफाइड होना जरूरी था, जिसमें उसने पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) किया है।

NET UGC Draft Guidelines 2025: नई गाइडलाइन में अभ्यर्थियों को पीजी के अलावा दूसरे विषयों में भी नेट करने की आजादी है। साथ ही, नेट किए बिना सीधे पीएचडी करने वाले अभ्यर्थी भी असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।

कुलपति पद के लिए शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता समाप्त

NET UGC Draft Guidelines 2025: मसौदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान का कुलपति बनने के लिए उम्मीदवार के पास 10 वर्ष का शिक्षण अनुभव होना आवश्यक नहीं होगा।

अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ, जिनके पास वरिष्ठ स्तर पर काम करने का 10 वर्ष का अनुभव है और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है, कुलपति (वीसी) बन सकते हैं। कुलपति की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति एक समिति का गठन करेंगे, जो अंतिम निर्णय लेगी।

लचीलापन बढ़ाना है उद्देश्य- यूजीसी अध्यक्ष

यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार का कहना है कि नए नियमों से बहु-विषय पृष्ठभूमि से संकाय का चयन करने में मदद मिलेगी। इन नियमों का उद्देश्य उच्च शिक्षा में स्वतंत्रता और लचीलापन बढ़ाना है।

पिछले साल पुणे के संस्थान के कुलपति को हटाया गया था

आपको बता दें कि वर्ष 2024 में पुणे स्थित गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान (जीआईपीई) के कुलपति अजीत रानाडे को पद से हटा दिया गया था। उनके पास इस पद के लिए आवश्यक 10 वर्ष का शिक्षण और अकादमिक शोध का अनुभव नहीं था, जिसके कारण उन्हें पद से हटा दिया गया।

NET UGC Draft Guidelines 2025: हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके क्षेत्र के अनुभव को देखते हुए उन्हें फिर से संस्थान का कुलपति बनाने का फैसला किया। बाद में नवंबर 2024 में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।

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