MP में वन विभाग की टीम पर पथराव VIDEO: डिप्टी रेंजर का सिर फूटा, 40 जेसीबी लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचा था अमला, जान बचाकर भागे कर्मचारी

Stone pelting on forest department team in MP Khandwa: मध्यप्रदेश के खंडवा में जंगल से माफिया का अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की टीम पर पथराव किया गया। इसमें डिप्टी रेंजर का सिर फूट गया। पथराव में जेसीबी वाहन के कांच भी टूट गए। वन अमले को जान बचाकर भागना पड़ा। पुलिस और प्रशासन की टीम 40 जेसीबी लेकर पहुंची थी और 700 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल में हो रही खेती को नष्ट कर दिया।
बता दें कि वन विभाग की टीम गुरुवार से आमखजूरी जंगल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को कार्रवाई का दूसरा दिन था। टीम फसलों को रौंदने के लिए कल्टीवेटर लगे 10 ट्रैक्टर भी लेकर पहुंची थी। यहां माफिया ने बड़े इलाके में फसलें उगा रखी थीं। देर रात पुलिस ने 40 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया।
1000 हेक्टेयर जंगल अतिक्रमण से मुक्त कराया
गुरुवार को वन विभाग ने नाहरमाल, टाकलखेड़ा के जंगलों में कार्रवाई की। इस दौरान सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक जेसीबी मशीनों से खुदाई की गई। करीब एक हजार हेक्टेयर जंगल को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, एसपी मनोज कुमार राय भी मौके पर पहुंचे। जंगल में खेत बनाकर बोई गई फसल को नष्ट किया गया।
ड्रोन से अतिक्रमणकारियों की तलाश
अतिक्रमणकारियों की आवाजाही की सूचना मिलने पर ड्रोन से तलाश की गई। गौरतलब है कि गुड़ी रेंज में नाहरमाल, टाकलखेड़ा, कुमठा और आमाखुजरी के जंगल आते हैं। इस क्षेत्र में 16 हजार हेक्टेयर (39 हजार 537 एकड़) वन क्षेत्र है।
वन विभाग तीन महीने से कर रहा था योजना
डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने बताया कि जंगलों को फिर से समृद्ध करने के लिए कंटूर ट्रेंच पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे अतिक्रमणकारी हल नहीं चला पाएंगे और बारिश का पानी इन गड्ढों में समा जाएगा। वे बड़ी कार्रवाई की तैयारी पिछले कई महीनों से कर रहे थे। खास तौर पर तीन महीने से वे लगातार संसाधन जुटाने और अतिक्रमण अभियान की योजना बनाने में लगे थे। शासन ने अतिक्रमण अभियान के लिए वन विभाग को 25 लाख रुपए आवंटित किए हैं।
महाराष्ट्र के अतिक्रमण हटाओ अभियान को अपनाया
विभाग ने अतिक्रमण अभियान में महाराष्ट्र की तर्ज पर कंटूर ट्रेंच पद्धति को अपनाया है। इस पद्धति में जमीन में जिगजैग पैटर्न में लंबे और गहरे गड्ढे खोदे जाते हैं। वन विभाग ने वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ ही उसे फिर से हरा-भरा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह एक कृषि तकनीक है, जिसके जरिए बारिश के पानी को जमीन में सोख लिया जाता है। जिससे भूजल स्तर में सुधार होता है और जमीन उपजाऊ बनती है। विशेषज्ञों के अनुसार इस पद्धति से पथरीली जमीन पर भी वनस्पति लगाई जा सकती है।
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