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छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती घोटाले में बड़े-बड़े किरदार ? एक ही इवेंट कंपनी को प्रदेशभर में ठेका, गड़बड़ी में एक रसूखदार का भी नाम उछला !​

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में 528 पदों के लिए हुए पुलिस भर्ती घोटाले मामले में नाम आने के बाद कांस्टेबल अनिल रत्नाकर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद से परिवार के लोग गमगीन हैं।

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: घोटाला मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 4 कांस्टेबल और इवेंट कंपनी के 2 कर्मचारी शामिल हैं। वहीं, 14 कर्मचारियों पर घोटाले का शक है। कर्मचारियों के व्हाट्सएप चैट और उनके अकाउंट की जांच की जा रही है। कांग्रेस ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की है।

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: चर्चा है कि सरकार से जुड़ा एक व्यक्ति भी जांच के घेरे में है। वह पूर्व सांसदों का प्रतिनिधि भी रह चुका है, जिसके व्हाट्सएप और मोबाइल की जांच की जा रही है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती में एक ही इवेंट कंपनी टाइमिंग टेक्नोलॉजी हैदराबाद को जिम्मेदारी दी गई है, जो पूरे प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया का संचालन कर रही है। हर भर्ती केंद्र का प्रमुख आईजी को बनाया गया है, वहीं राजनांदगांव एकमात्र भर्ती केंद्र है, जहां एसपी को ही भर्ती अध्यक्ष बनाया गया है।

क्या है पूरा मामला

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर रोड से 1 किलोमीटर अंदर एक आरक्षक का शव पेड़ से लटका मिला। आरक्षक का नाम अनिल रत्नाकर (25 वर्ष) था।

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: वह खैरागढ़ पुलिस में पदस्थ था और फिजिकल टेस्ट प्रक्रिया की मॉनिटरिंग में शामिल था। अनिल सरायपाली बसना का रहने वाला था और उस पर भर्ती में लेन-देन का भी आरोप था।

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: आरक्षक अनिल रत्नाकर ने हथेली पर सुसाइड नोट में लिखा है कि आरक्षक भर्ती में कर्मचारी को फंसाया जा रहा है, अधिकारी को बचाया जा रहा है। इसमें सभी शामिल हैं।

 

चार आरक्षक समेत तकनीकी टीम के दो गिरफ्तार

इस मामले की जांच कर रहे लालबाग टीआई नवरतन कश्यप ने बताया कि अब तक 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें सिर्फ 4 आरक्षक हैं, जबकि तकनीकी टीम के दो लोग शामिल हैं। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: गिरफ्तार आरोपियों में महिला आरक्षक पुष्पा चंद्रवंशी, परिधि निषाद, आरक्षक धर्मराज मरकाम, आरक्षक योगेश कुमार धुर्वे और तकनीकी टीम से नूतेश्वरी धुर्वे, पवन कुमार साहू शामिल हैं।

भाजपा चहेतों को भर्ती करने के लिए पद बेच रही- बैज

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री विजय शर्मा के इशारे पर यह घोटाला किया गया है। बैज ने अनिल रत्नाकर की आत्महत्या पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। कहा, भाजपा सरकार चहेतों को पद देने के लिए पद बेच रही है। गृहमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त किया जाना चाहिए।

भूपेश बघेल ने आरक्षक की हथेली का वीडियो शेयर किया

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एक्स पोस्ट पर मृतक आरक्षक अनिल रत्नाकर की हथेली का वीडियो शेयर किया है। सीएम विष्णुदेव साय को टैग करते हुए बघेल ने लिखा है- कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अफसरों को बचाया जा रहा है। भ्रष्टाचार हुआ है। अफसरों की भी भूमिका है। अब उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।

इसके अलावा भूपेश बघेल ने एक अन्य पोस्ट पर लिखा है कि आरक्षक के पुलिस भर्ती घोटाले से जुड़े होने की बात कही जा रही है। सवाल यह है कि यह हत्या है या आत्महत्या? क्या इसमें कोई बड़ा खिलाड़ी शामिल है? किसी और को बचाने के लिए किसी और की बलि दी जा रही है।

हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी भर्ती की जिम्मेदारी

दरअसल, राजनांदगांव में 16 दिसंबर से संभाग स्तर पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया का पहला चरण यानी फिजिकल फिटनेस चल रहा है। भर्ती प्रक्रिया के लिए बाहर से तकनीकी टीम बुलाई गई थी।

इसकी जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी। इसके साथ ही अलग-अलग आयोजनों के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी।

इस दौरान एएसपी, डीएसपी स्तर के अधिकारी बूथ चेकिंग के लिए पहुंचे थे, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया था। जिसके बाद एसपी ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

Chhattisgarh Police Recruitment Scam: इस मामले में तकनीकी कर्मचारियों के साथ ही करीब 10 से 12 पुलिस आरक्षकों को भी संदेह के घेरे में रखा गया है। राजनांदगांव पुलिस में आरक्षकों के 528 रिक्त पदों के लिए भर्ती की जा रही है, जिसमें 66 हजार अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं।

भर्ती में राजनांदगांव, खैरागढ़ छुईखदान गंडई, कबीरधाम, मोहला मानपुर, अंबागढ़ चौकी जिले के अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में आईजी और एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। जांच के बाद ही पता चलेगा कि अनिल ने मरने से पहले सुसाइड नोट में किन अफसरों का जिक्र किया है।

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