Supreme Court Alimony Case: SC बोला-गुजारा भत्ते के नाम पर संपत्ति बराबर बांटना गलत, कानून कल्याण के लिए, पति से जबरन वसूली नहीं
Supreme Court Alimony Case; Woman Financial Condition: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि गुजारा भत्ता महिला की आर्थिक स्थिति को पुरुष (पति) के बराबर करने के लिए नहीं है, बल्कि बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने के लिए है।
Supreme Court Alimony Case; Woman Financial Condition: शीर्ष अदालत ने यह भी कहा- महिलाओं को पता होना चाहिए कि कानून उनके कल्याण के लिए बनाए गए हैं। इनका इस्तेमाल पतियों को दंडित करने, धमकाने, हावी होने या उनसे पैसे ऐंठने के साधन के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
Supreme Court Alimony Case; Woman Financial Condition: जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले को लेकर देश में गुस्सा है।
Supreme Court Alimony Case; Woman Financial Condition: आत्महत्या करने से पहले अतुल सुभाष ने राष्ट्रपति को एक वीडियो संदेश और पत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने महिलाओं के हित में बने कानूनों के दुरुपयोग पर सवाल उठाया था।
पत्नी ने कोर्ट में दावा किया था- पति के पास 5 हजार करोड़ की संपत्ति है
दरअसल एक जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दी थी। जानकारी में पता चला कि दोनों की शादी साल 2021 में हुई थी।
इसके बाद दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। महिला ने अपने 80 वर्षीय ससुर के खिलाफ बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध का मामला भी दर्ज कराया था। यह व्यक्ति अमेरिकी नागरिक था और वहां आईटी कंसल्टेंसी का व्यवसाय चलाता था।
इस मामले में पत्नी ने कोर्ट में दावा किया कि उसके पति का 5 हजार करोड़ रुपये का कारोबार है। साथ ही अमेरिका और भारत में उनकी कई संपत्तियां हैं।
महिला ने कोर्ट को यह भी बताया कि पति ने अपनी पहली पत्नी से अलग होने के दौरान 500 करोड़ रुपये की संपत्ति और वर्जीनिया में एक घर दिया था।
SC ने तलाक को मंजूरी दी
सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर दोनों के तलाक को मंजूरी दी कि अब दोनों के बीच संबंध नहीं सुधर सकते। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पति एक महीने के अंदर फुल एंड फाइनल सेटलमेंट कर पत्नी को 12 करोड़ रुपये दे।
कोर्ट ने कहा कि हमें इस बात पर आपत्ति है कि जिस तरह से भरण-पोषण या गुजारा भत्ता के नाम पर संपत्ति को दूसरे पक्ष में बराबर बांटा जाता है। अक्सर देखा जाता है कि भरण-पोषण या गुजारा भत्ता के लिए अपने आवेदन में पक्ष अपने जीवनसाथी की संपत्ति, स्थिति और आय का खुलासा करते हैं। फिर वे अपने साथी से आधी संपत्ति चाहते हैं।
कोर्ट ने यह भी पूछा कि अगर अलग होने के बाद पति गरीब हो जाता है तो क्या पत्नी अपनी संपत्ति में पूर्व पति को बराबर का हक देगी?
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