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10वीं की छात्रा की खून की कमी से मौत: छात्रावास में तबीयत बिगड़ी, पनीर-पूरी खाने से एक स्टूडेंट की गई जान

Chhattisgarh Bijapur hostel 10th class student dies due to lack of blood: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में खून की कमी से 10वीं की छात्रा की मौत हो गई है। छात्रा पोटा केबिन में रहकर पढ़ाई कर रही थी। तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। छुट्टी मिलने पर परिजन उसे घर ले गए, लेकिन उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। 3 दिन में छात्रा की यह दूसरी मौत है।

दरअसल, छात्रा का नाम विमला कवासी है, जो जिले के नैमेड़ गांव में पोटा केबिन में रहकर 10वीं की पढ़ाई कर रही थी। 23 नवंबर को उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद हॉस्टल वार्डन ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के बाद 26 नवंबर को उसे छुट्टी देकर हॉस्टल लाया गया।

फिर से तबीयत बिगड़ी फिर से तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। 28 नवंबर को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। साथ ही परिजनों को इसकी जानकारी दी गई। परिजन भी अस्पताल पहुंचे। उसकी हालत में सुधार देखने के बाद 3-4 दिसंबर को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

परिजन उसे घर ले गए

जिला शिक्षा अधिकारी लखन लाल धनेलिया ने बताया कि परिजनों ने उसे घर ले जाने के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद उसे परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। लगातार उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही थी। परिजनों ने बताया था कि वह ठीक है।

12 दिसंबर को उसकी तबीयत फिर से खराब हो गई। परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज ले जाते समय छात्रा की मौत हो गई।

3 दिन पहले एक और छात्रा की मौत

बता दें कि, बीजापुर जिले में ही 3 दिन पहले तीसरी क्लास की छात्रा की पनीर की सब्जी और पूरी खाने से मौत हो गई थी। वह जिले के माता रुक्मणी आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रही थी। इसी आश्रम की 35 छात्राएं भी फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई थीं। कुछ का जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।

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