Chhattisgarh Vishnudev Sai Government Completes One Year: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार ने अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री ने रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में अपने 10 मंत्रियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एक साल के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया। प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन से जुड़ी पुस्तकों और कामकाज का रिपोर्ट कार्ड का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी, तब राज्य में विश्वास का संकट था। लेकिन जब भाजपा की सरकार बनी, तो उसने ऐसा काम किया कि लोगों का भविष्य सरकार पर सुरक्षित हो गया। हमने सुशासन का वादा किया था। हम उसे पूरा भी कर रहे हैं।
Chhattisgarh Vishnudev Sai Government Completes One Year: अपराधी किस्म के लोगों पर कार्रवाई हो रही है। महिलाओं और किसानों का सरकार पर विश्वास बढ़ा है। सरकार ने जो वादे किए, उन्हें पूरा किया। जबकि जब कांग्रेस सत्ता में आई, तो उसने जो वादे किए, उन्हें पूरा नहीं किया।
कांग्रेस को चश्मा पहन लेना चाहिए- साय
Chhattisgarh Vishnudev Sai Government Completes One Year: कांग्रेस लगातार सरकार के कामकाज को विफल बता रही है। उसने एक साल में सरकार को विफल बताया है।
Chhattisgarh Vishnudev Sai Government Completes One Year: इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, हम महतारी वंदन योजना के माध्यम से 70 लाख महिलाओं को पैसे दे रहे हैं। किसानों को आर्थिक सहायता दी गई।
Chhattisgarh Vishnudev Sai Government Completes One Year: कांग्रेस द्वारा अधूरा छोड़ा गया वादा भी भाजपा सरकार ने पूरा किया। इसके बावजूद अगर कांग्रेस को विकास और बेहतर काम नहीं दिख रहा है तो उन्हें चश्मा पहन लेना चाहिए। तो अब कांग्रेस को कौन सा चश्मा पहनना चाहिए?
वर्ष 2028 तक 10 लाख करोड़ तक पहुंचेगी जीडीपी
Chhattisgarh Vishnudev Sai Government Completes One Year: मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 नवंबर 2025 को छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करेगा। वर्ष 2028 तक सरकार ने संकल्प लिया है कि, हम राज्य की जीडीपी को 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने का काम करेंगे।
विष्णुदेव साय सरकार ने एक साल में कुछ अहम फैसले लिए हैं। पढ़िए क्या हैं वो फैसले…
1. शराब में बिचौलिया प्रथा खत्म
एफएल-10 खत्म कर शराब खरीद से बिचौलियों को खत्म किया गया। पहले बड़ी कंपनियों की जगह कंपनियां बनाकर बिचौलियों के जरिए शराब खरीदी जाती थी। इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों को मौका नहीं दिया जाता था, क्योंकि वे कमीशन नहीं देती थीं। इससे राज्य के खजाने में कम से कम एक हजार करोड़ रुपए का राजस्व बढ़ेगा। साथ ही शराब में माफियाओं का प्रवेश भी रुकेगा।
2. वन अधिकार पट्टा
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना, जहां आदिवासियों को वन अधिकार पट्टा देने के साथ ही उनके हस्तांतरण और बंटवारे की व्यवस्था की गई है। यह योजना देश के लिए रोल मॉडल बनेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसका प्रारूप मंगाया है, ताकि इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सके।
3. विजन डॉक्यूमेंट
गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य बन गया है, जहां विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से अपना विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की इच्छा जताई थी। इसमें छत्तीसगढ़ अव्वल आया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार जैसे बड़े राज्य अभी भी इसकी तैयारी कर रहे हैं।
4. धान मिलिंग में साहसिक फैसला
धान मिलिंग में अनियमितताओं के कारण मार्कफेड के पूर्व एमडी समेत कई अधिकारी, दलाल और राइस मिलर्स जेल में हैं। ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसे देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मिलिंग चार्ज 120 रुपये से घटाकर 60 रुपये कर दिया है।
बता दें, ईडी ने कोर्ट को बताया था कि मिलिंग चार्ज का आधा हिस्सा सरकार में बैठे बड़े लोगों की जेब में जाता है। धान माफिया पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने राज्य की तेजतर्रार आईएएस अधिकारी ऋचा शर्मा को एसीएस खाद्य बनाया है। उनके साथ एक अतिरिक्त आईएएस की तैनाती की गई है और अंबलंगन पी को सचिव बनाया गया है।
5. एनजीडीआरएस
रजिस्ट्री व्यवस्था में व्यापक सुधार। एनजीडीआरएस लागू किया गया है। सुगम ऐप से संपत्ति पंजीकरण में पारदर्शिता बढ़ी है। सुगम ऐप से मोबाइल से ही जमीन का अक्षांश और देशांतर अपने आप निकाला जा रहा है। इससे पंजीकरण दलालों के रैकेट पर लगाम लगी है। दलाल संपत्ति की बाउंड्री और उसके ढांचे के लिए मोटी रकम वसूलते थे। सरकार फेसलेस और घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा शुरू करने पर भी काम कर रही है।
6. सुशासन विभाग
विष्णुदेव साय सरकार ने नया सुशासन विभाग बनाया। इसके साथ ही सभी विभागों की निगरानी के लिए एक नया विभाग अस्तित्व में आया है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि किस तरह से काम किया जाए, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।
7. ई-ऑफिस
विष्णुदेव सरकार ने मंत्रालय में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की है। धीरे-धीरे अब फाइलें कंप्यूटरीकृत होंगी। कंप्यूटर से ही फाइलें चलेंगी। सीएम सचिवालय इसकी निगरानी करेगा। ई-ऑफिस पूरी तरह लागू होने के बाद फाइलें लंबित नहीं रहेंगी। सीएम सचिवालय का बोर्ड बताता रहेगा कि कौन सी फाइल कहां लंबित है।
8. प्रतियोगी परीक्षाओं में भर्ती
विष्णुदेव सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार बनते ही सबसे पहले पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की। इसमें पीएससी के पूर्व अध्यक्ष समेत कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। साथ ही पारदर्शिता के लिए सरकार ने पुलिस भर्ती का काम भी पीएससी को दे दिया है।
9. एसीबी को खुली छूट
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विष्णुदेव सरकार ने एसीबी को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से बात की और तेजतर्रार आईपीएस अमरेश मिश्रा को दिल्ली में प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया। अमरेश को ईओडब्ल्यू और एसीबी प्रमुख बनाया गया। इसका असर भी देखने को मिला। अमरेश ने अप्रैल में ज्वाइन किया।
इसके बाद नौ महीने में 40 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े गए और सलाखों के पीछे भेजे गए। इनमें दो एसडीएम, दो संयुक्त निदेशक, टीआई, एसआई समेत कई अन्य अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति के दो दर्जन से ज्यादा मामलों में छापेमारी भी की है।
10. बुनियादी शिक्षा में ऐतिहासिक फैसले
छत्तीसगढ़ में अब तक प्राथमिक शिक्षा उपेक्षित थी। लेकिन विष्णुदेव सरकार ने सुधार के लिए कदम उठाते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं शामिल हैं। शिक्षकों का भी मूल्यांकन किया जा रहा है।
शिक्षा के अधिकार का लाभ दिलाने के लिए निजी स्कूलों की निगरानी के लिए समिति बनाई गई है। कलेक्टरों से स्कूलों का निरीक्षण करने को कहा जा रहा है। पहली बार सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह शिक्षक-अभिभावक मीट का आयोजन किया जा रहा है।
11. उद्योग नीति में बड़ा बदलाव
आमतौर पर उद्योग नीति हर पांच साल में एक बार बनती है। लेकिन इस बार की उद्योग नीति कई मायनों में अलग है। इसमें सेक्टर तय किया गया है कि किस उद्योग को किस जगह क्या सुविधाएं दी जाएंगी।
12. नियद-नेल्लार
आदिवासी इलाकों के गांवों के विकास के लिए सरकार ने नियद नेल्लार योजना शुरू की है। हल्बी में नियद नेल्लार को अच्छा गांव कहा जाता है। नक्सल प्रभावित इलाकों के गांवों के लिए सर्वांगीण विकास के लिए सरकार यह योजना लाई है। सरकारी मशीनरी टॉप प्रायरिटी से इस पर काम कर रही है।
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