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EVM Controversy Case: बैलेट पेपर से चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी, कहा- पार्टियों को दिक्कत नहीं, आपको है, ऐसे आइडिया कहां से लाते हैं ?

EVM Controversy; Supreme Court | Ballot Voting System: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनावों में बैलेट पेपर से मतदान प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा- पार्टियों को ईवीएम से कोई दिक्कत नहीं है, आपको दिक्कत क्यों है। आपको ऐसे विचार कहां से मिलते हैं?

EVM Controversy; Supreme Court | Ballot Voting System: इस पर याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा- चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए हैं।

EVM Controversy; Supreme Court | Ballot Voting System: पीठ ने कहा, जब चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी चुनाव हारते हैं तो कहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है और जब जीतते हैं तो कुछ नहीं कहते।

EVM Controversy; Supreme Court | Ballot Voting System: हम इसे कैसे देख सकते हैं। हम इसे खारिज कर रहे हैं। यह वह जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस करें। आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं? आपका कार्यक्षेत्र बहुत अलग है।

EVM Controversy; Supreme Court | Ballot Voting System: आपको बता दें कि पॉल एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं जिसने 3 लाख से ज्यादा अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है।

अमेरिका जैसे देशों में भी बैलेट पेपर से मतदान

याचिकाकर्ता केए पॉल ने एलन मस्क की टिप्पणियों का हवाला दिया, जिन्होंने सुझाव दिया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। ईवीएम लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।

उन्होंने कहा- मैंने 150 से अधिक देशों का दौरा किया है और अधिकांश ने बैलेट पेपर से मतदान को अपनाया है। पॉल ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि भारत को भी यही तरीका अपनाना चाहिए।

EVM Controversy; Supreme Court | Ballot Voting System: इस पर पीठ ने कहा कि आप अन्य देशों से अलग क्यों नहीं होना चाहते। याचिकाकर्ता केए पॉल ने पीठ से चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की।

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को पैसे, शराब और अन्य चीजों से लुभाने का दोषी पाए जाने पर ऐसे उम्मीदवारों को कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।

17 अक्टूबर: हरियाणा चुनाव से जुड़ी कांग्रेस की याचिका खारिज

16 अक्टूबर को कांग्रेस की प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर मतदान और मतगणना में अनियमितता का आरोप लगाया था।

याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने हरियाणा में ईवीएम से चुनाव कराए थे। उसी के आधार पर नतीजे भी घोषित किए गए, लेकिन कुछ ईवीएम 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रहे थे, जबकि कुछ 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रहे थे। मतगणना के दिन भी कुछ ईवीएम में 99 प्रतिशत बैटरी थी।

17 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की याचिका दायर करने पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आप दस्तावेज जमा करें, हम देखेंगे।

तत्कालीन सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए पूछा था- क्या आप चाहते हैं कि हम नवनिर्वाचित सरकार के शपथ ग्रहण को रोक दें?

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