MP में बढ़ेंगे प्रॉपर्टी के दाम: रेवेन्यू ओरिएंटेड ड्राइव में कल तय होंगी नई दरें, ढाई हजार से ज्यादा लोकेशन महंगी हो जाएंगी
Property prices will increase in MP: राजस्व बढ़ाने की मुहिम में मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में उन स्थानों पर भूमि और भवनों की सरकारी दरें बढ़ाने का फैसला किया है, जहां इस समय ज्यादा रजिस्ट्री हो रही हैं। इन स्थानों को चिन्हित करने का काम जिलों में कलेक्टरों द्वारा किया गया है। 5 नवंबर तक सभी जिलों से प्रस्ताव आईजी पंजीयन एवं मुद्रांक के पास पहुंच जाएंगे।
6 नवंबर को केंद्रीय मूल्यांकन समिति जिलों से प्राप्त प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी देगी। इसके बाद एक साल में दूसरी बार ढाई हजार से ज्यादा स्थानों पर संपत्ति की दरें बढ़ जाएंगी। सरकार द्वारा कीमतों में की गई बढ़ोतरी का सीधा असर जनता पर पड़ेगा और उन्हें ज्यादा कीमतों पर रजिस्ट्री करानी पड़ेगी। हालांकि कीमतें बढ़ाने से सरकार का राजस्व बढ़ेगा।
दरअसल, प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत आने वाला पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग हर साल 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के लिए कलेक्टर गाइडलाइन को कलेक्टर के माध्यम से मंजूरी देता रहा है। इसमें जिले में अलग-अलग स्थानों पर निजी और सरकारी जमीनों की कीमतें दर्ज की जाती हैं। आवासीय, व्यावसायिक और कृषि भूमि के लिए अलग-अलग कीमतें तय की जाती हैं। सरकार इसी कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर खरीदी-बेची जाने वाली संपत्ति पर स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क वसूलती है।
अब साल में दो बार बढ़ेगा रजिस्ट्रेशन शुल्क
अभी तक सरकार एक वित्तीय वर्ष में एक बार ही प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाती रही है। नए नियमों के अनुसार अब साल में दो बार प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोतरी की जाएगी। इसलिए कलेक्टर से कहा गया है कि शहर और अन्य नगरीय निकायों में जहां प्रॉपर्टी के दाम बढ़े हैं, वहां शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव देंगे। साथ ही रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़ाने का कारण भी प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा।
प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने से आम आदमी के लिए घर बनाने का सपना वैसे भी पूरा नहीं हो पा रहा है। अब मोहन सरकार के साल में दो बार प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाने के फैसले से लोगों के लिए जमीन और मकान खरीदना और मुश्किल हो जाएगा।
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