What will be the future of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 24 साल पहले हुआ था। तब से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ ने आर्थिक, राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों में कई आयाम स्थापित किए हैं। आज छत्तीसगढ़ अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है।
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा भी कहा जाता है। यह 1 नवंबर 2020 को भारत के 26वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। मध्य प्रदेश को विभाजित करके छत्तीसगढ़ के नए राज्य का निर्माण किया गया।
आइये जानते हैं ज्योतिष की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के लिए 25वां साल कैसा रहने वाला है। क्या होने वाला है? छत्तीसगढ़ की जन्म कुंडली क्या कहती है? इस बारे में ज्योतिष की क्या राय है, आइये जानते हैं।
छत्तीसगढ़ का भविष्य कैसा रहेगा
ज्योतिषाचार्य प्रिया शरण त्रिपाठी ने कहा कि “छत्तीसगढ़ के भाग्य में उन्नति लिखी है और होगी भी। छत्तीसगढ़ की जन्म कुंडली के बारे में उन्होंने कहा कि द्वादशेश मंगल अष्टम भाव में है। छत्तीसगढ़ के दक्षिण में बड़े संघर्ष के बाद कुछ बहुत अच्छा होने वाला है।
ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ का नाम भारत के गिने-चुने राज्यों में लिया जाएगा, क्योंकि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या से निपटने के लिए तैयार है। ऐसी स्थिति में यह माना जा सकता है कि दक्षिण छत्तीसगढ़ में बस्तर या आसपास के सभी इलाकों का खूब विकास होगा। औद्योगिक और आर्थिक विकास में इसका बहुत महत्वपूर्ण योगदान होगा।”
ज्योतिषाचार्यों ने बताया भविष्य
ज्योतिषाचार्य पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस के बारे में बताया कि इसकी स्थापना 1 नवंबर को करीब 12 बजे हुई थी। इसके बाद सरकार सक्रिय हुई।
भले ही आधिकारिक तौर पर बाकी प्रक्रियाएं बाद में पूरी की गईं। ऐसे में छत्तीसगढ़ का लग्न कर्क और राशि धनु है। जब छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई थी, उस समय भाग्येश और सप्तमेश एकादश भाव में थे। चंद्रमा और केतु छठे भाव में थे।
छत्तीसगढ़ का दक्षिणी भाग नक्सल प्रभावित था। यहां ऊर्जा, सीमेंट, लोहा और निर्माण की बहुत संभावनाएं थीं। भाग्येश भी 11वें भाव में है। यहां की संस्कृति, यहां का खान-पान, सब कुछ बहुत अच्छा था।
कब आ रहा है संकट का समय?
वहीं, ज्योतिषाचार्य डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि 1 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ 24 साल पूरे कर लेगा। राज्य अब 25वें साल में प्रवेश कर चुका है।
छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना रात्रि 12:57 बजे हुई थी। इस समय राज्यपाल ने शपथ ली थी। इस दृष्टि से राज्य की स्थापना का समय 12:57 नवंबर माना जाएगा।
ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ की जन्म कुंडली में लग्न सिंह और राशि धनु है। सूर्य और बुध तीसरे भाव में हैं। कन्या राशि का मंगल तीसरे भाव में है। गुरु और शनि दशम भाव में हैं। चंद्रमा केतु पंचम भाव में है और इसके साथ ही 11वें भाव में उच्च का राहु है।
इस समय गुरु वृषभ राशि में है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ पर सूर्य की महादशा चल रही है। इसके साथ ही सूर्य पराक्रम भाव में स्थित है। यह भाग्य भाव को देख रहा है। इसके साथ ही भाग्य भाव पर इसकी उच्च दृष्टि है।
इस वर्ष राज्य की जनता सुखी रहेगी, लेकिन मार्च 2025 से सितंबर 2025 तक का समय राज्य सहित पूरी दुनिया के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहने की उम्मीद है।-
कैसा रहेगा मुख्यमंत्री का समय
डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर की मानें तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में राजा का प्रभाव बढ़ेगा। राजनीति का प्रभाव बढ़ेगा। चंद्रमा 12वें भाव का स्वामी होकर पंचम भाव में केतु के साथ बैठा है।
ऐसी स्थिति में केतु और चंद्रमा बाहरी संपर्कों के माध्यम से अन्य राज्यों से विशेष लाभ दिलाएंगे। ऐसे में इस समय छत्तीसगढ़ का विकास बहुत तेजी से होगा।
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