Amazing Jugaad in Wagon Repair Shop Raipur: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की रायपुर के डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में वैगन रिपेयर की दुकान है। यहां काम करने वाले कर्मचारी मालगाड़ी के वैगन रिपेयर करने के साथ-साथ ट्रेनिंग सेंटर में लोगों को ट्रेनिंग भी देते हैं। यहां वे स्क्रैप से कलाकृति बनाना भी सिखाते हैं।
यहां बने स्क्रैप आयरन से गणपति और अमर जवान ज्योति, गेटवे ऑफ इंडिया, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, हैमर मैन और तोप जैसी चीजें बनाई गई हैं।
कबाड़ का कमाल
रायपुर रेल मंडल के एडिशनल डीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि भारतीय रेलवे स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। यह अपने कार्यालय और परिसर के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी हमेशा स्वच्छता पर ध्यान देता है।
कर्मचारियों का पहला लक्ष्य भी स्वच्छता बनाए रखना है। स्क्रैप मटीरियल के बारे में उन्होंने कहा कि हम इसे या तो बेच सकते हैं या फेंक सकते हैं। ऐसे कबाड़ से यहां के कर्मचारियों द्वारा कई तरह की आकर्षक कलाकृतियां बनाई गई हैं, जो पूरी तरह से स्क्रैप से बनी हैं।
कबाड़ से खूबसूरती का जुगाड़
एडिशनल डीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि इन चीजों को बेचने की बजाय यहां के कर्मचारी इनका इस्तेमाल अलग-अलग कलाकृतियां बनाने में करते हैं। गणेश प्रतिमा और गेटवे ऑफ इंडिया की प्रतिमा के साथ ही कई अन्य तरह की प्रतिमाएं भी कबाड़ से बनाई गई हैं। जो भी कबाड़ निकलता है उसे प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाता है।
इसके बाद इसका इस्तेमाल कलाकृतियां बनाने में किया जाता है। इन कलाकृतियों को बेचने के सवाल पर एडिशनल डीआरएम कहते हैं कि इसे प्रेरणा के तौर पर देखा जा रहा है। इसके लिए रेलवे हमेशा अपने कर्मचारियों और कारीगरों को पुरस्कृत करता है।
कौशल दिखाने वालों को सम्मानित किया जाता है
वैगन रिपेयर शॉप के कर्मचारी अशोक देवांगन ने बताया कि यहां बेसिक ट्रेनिंग सेंटर में कम से कम 7 से 10 कर्मचारी हैं जो लोगों को वैगन रिपेयर करने की ट्रेनिंग देते हैं। साथ ही कबाड़ से किस तरह की कलाकृतियां बनाई जा सकती हैं।
लोगों को इस बारे में भी जानकारी दी जाती है। रेलवे के बेकार या स्क्रैप पार्ट्स का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। इस बात पर भी ध्यान दिया जाता है कि कचरे से क्या बेहतरीन बनाया जा सकता है।
कचरे से बेहतरीन बनाने का होता है काम
वैगन रिपेयर शॉप के कर्मचारी अशोक देवांगन ने बताया कि वैगन रिपेयर शॉप में बेसिक ट्रेनिंग सेंटर में बच्चे 1 साल की ट्रेनिंग के लिए आते हैं, उस दौरान वैगन रिपेयर करने के अलावा उन्हें स्क्रैप से कलाकृतियां बनाने का तरीका भी सिखाया जाता है।
इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाती है। अशोक देवांगन पिछले 10 सालों से बेकार सामान से मूर्तियां बना रहे हैं। इससे पहले भी वे झांसी, लखनऊ और दिल्ली की वैगन रिपेयर शॉप में कई कलाकृतियां बना चुके हैं।
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